नीति आयोग बनाम पुराना योजना आयोग / डॉ राजीव कुमार

भारतीय अर्थव्यवस्था व्याख्यान

राजीव मल्होत्रा: नमस्ते ! मैं राष्ट्रीय नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार के साथ हूँ | अपने व्यस्त कार्यक्रम में से कुछ समय निकालने के लिए धन्यवाद |

राजीव कुमार: बहुत बहुत धन्यवाद समनाम |

राजीव मल्होत्रा: हाँ, हम दोनों राजीव हैं | हम अच्छे लोग हैं |

राजीव कुमार: हाँ | इसका अर्थ कमल है |

राजीव मल्होत्रा: हाँ | कमल कीचड़ में रहता है परन्तु वह सब से ऊपर रहता है | यह एक विश्व में रहता है जो समस्याओं से भरा है परन्तु इससे अनछुआ रहता है |

राजीव कुमार: हाँ |

राजीव मल्होत्रा: बहुत ही रोचक |

राजीव कुमार: जहां वह रहता है वहां का सौंदर्य बढ़ाता है |

राजीव मल्होत्रा: हाँ |

राजीव कुमार: राजीव एक अन्य गुण यह है कि रात में यह बंद हो जाता है और कभी-कभी यह अपने अंदर एक डंक मारने वाले कीड़े को स्थान देता है | कमल बहुत मृदु है | फिर भी यह इसे स्थान देता है और सुबह इसे छोड़ देता है |

राजीव मल्होत्रा: तो, यह उन लोगों के लिए भी एक शरण है जो …

राजीव कुमार: दुखदायी हैं |

राजीव मल्होत्रा: जो चोट पहुंचा सकते हैं | बहुत ही रोचक | हमारे विश्वव्यापी दर्शकों के लाभ के लिए बताएं कि नीति आयोग निष्क्रीय योजना आयोग से भिन्न कैसे है ?

राजीव कुमार: यह एक पूर्णरूपेण भिन्न संगठन है |

राजीव मल्होत्रा: ठीक है |

राजीव कुमार: इसमें योजना आयोग की धारणाओं या शर्तों में से कोई भी नहीं है | योजना आयोग निष्क्रीय हो गया था क्योंकि यह अभी भी केंद्रीय नियोजन में विश्वास करता था और संसाधनों का देशव्यापी केंद्र-स्तरीय आवंटन में | यह तथाकथित विकास योजनाओं के लिए राज्यों को बहुत सारा धन वितरित कर रहा था और एक दाता बन गया था | यह प्रायः राजनीतिक रूप से निर्धारित होता था और एक प्रकार के पदानुक्रम का निर्माण करता था | केंद्र और राज्यों के बीच, और राज्यों की राजकोषीय स्वायत्तता पर प्रभाव डालता था | यह अस्वीकार्य था क्योंकि हम संवैधानिक रूप से एक संघीय राजव्यवस्था हैं |

राजीव मल्होत्रा: वे पुराने सोवियत मॉडल का पालन करते थे |

राजीव कुमार: हाँ | तो अब हमारे पास नीति आयोग है जो एक सरकारी चिंतन समूह (थिंक टैंक) है | यह एक कीप (फनेल) जैसा है जिसमें सभी आर्थिक कर्ताओं और समाज व अर्थव्यवस्था के सभी भागीदारों से आंकड़े और विचार इकठ्ठा किये जाते हैं और तंत्र/व्यवस्था में इसे डाला जाता है | यह उस धारणा को दूर करता है कि सरकार सुनती नहीं है | राजीव, यह एक अंग है | और इसका दूसरा अंग यह है कि हमारा आज्ञापत्र हमें सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को प्रोत्साहित करने के लिए हमें अपने राज्यों के विकास का भागीदार बनाता है |

राजीव मल्होत्रा: बहुत अच्छा |

राजीव कुमार: मैं अपने एक वर्ष में अब तक 24 राज्यों की राजधानियों का दौरा कर चुका हूँ | हम हमारे राज्यों की विविधता को देखते हुए राज्य-विशेष के लिए विकास की रूपरेखा बनाते हैं |

राजीव मल्होत्रा: बहुत अच्छा |

राजीव कुमार: एक अखिल भारतीय समाधान मणिपुर और महाराष्ट्र दोनों में काम नहीं करता है | नीति आयोग योजना आयोग से पूर्णरूपेण भिन्न है | इसके अलावा हमें देश में एक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र (इन्नोवेशन इकोसिस्टम) विकसित करने की आज्ञा दी गयी है |

राजीव मल्होत्रा: बहुत अच्छा !

राजीव कुमार: इसलिए हमने अटल इनोवेशन मिशन, टिंकरिंग लैब इत्यादि खोला है, और अंततः, हमारे पास आज्ञा है हमारे 9 मंत्रालयों के प्रदर्शन का तात्क्षणिक (रियल टाईम) निरीक्षण करना और प्रधान मंत्री व अन्य मंत्रियों की समीक्षा हेतु प्रस्तुत करना |

राजीव मल्होत्रा: अर्थात्, वास्तव में मंत्रालयों के प्रदर्शन का मूल्यांकन ?

राजीव कुमार: हां, तत्क्षण (वास्तविक समय) में |

राजीव मल्होत्रा: बहुत ही रोचक |

राजीव कुमार: हम हर तिमाही मंत्रालय के लिए प्रदर्शन और परिणाम आधारित समीक्षा प्रस्तुत करते हैं | नीति आयोग के लक्ष्यों में से एक सरकारी बजट के वितरण व सेवाओं के प्रतिपादन के उत्तरदायित्व में सुधार करना है | यह अति महत्वपूर्ण है | हमें एक चिंतन समूह (थिंक टैंक) की भूमिका दी गई है | जिसे मैं प्रायः एक कार्यवाही समूह कहता हूँ क्योंकि हम अपने विचारों को क्रियान्वित भी करते हैं | हमारे पास कृत्रिम बुद्धि, आयुर्विज्ञान जिसे तथाकथित रूप से मोदीकेयर कहा जाता है, न्यूनतम समर्थन मूल्य जिसमें हमें ध्यान से सोचना पड़ता है या स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता आदि पर नई नीतियों को विकसित करने का उत्तरदायित्व है | नीति आयोग सक्रिय रूप से ऐसा कर रहा है | प्रतिस्पर्धी संघवाद के लिए हमने कई क्षेत्रों में पदानुक्रम (रैंकिंग) विकसित किया है जैसे जल संरक्षण, पोषण या व्यवसाय करने में सरलता | ये पदानुक्रम (रैंकिंग) सभी राज्यों के लिए हैं और वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर आधारित हैं | हम उन्हें श्रेणीबद्ध करते हैं और राज्यों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र में डाल देते हैं | हम वर्तमान प्रणाली को और अधिक बेहतर प्रणाली के साथ परिवर्तित करना चाहते हैं | और राज्यों को सुशासन पर प्रतिस्पर्धा कराना चाहते हैं न कि पहले जैसा लोकप्रियता पर प्रतिस्पर्धा कराना |

राजीव मल्होत्रा: यह अधिक पारदर्शी, संवादमूलक, द्विमार्गीय, और विकेन्द्रीकृत है | ऊपर से ही नियंत्रित नहीं अपितु (बल्कि) नीचे से भी | यह विकसित भी हो रहा है |

राजीव कुमार: नए विचार लेकर और शिक्षाजगत, उद्योग, नागरिक समाज संगठनों के साथ काम करके |

राजीव मल्होत्रा: अति उत्कृष्ट |

राजीव कुमार: और ट्रेड यूनियन के साथ भी | हम सभी के साथ काम करेंगे

राजीव मल्होत्रा: पिछले चार वर्षों में भारत के लिए प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं जिसमें नीति आयोग ने कोई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो ? बड़ी दीर्घकालिक व्यापक परिवर्तनकारी उपलब्धियां | छोटी अवधि की उपलब्धियां नहीं |

राजीव कुमार: कई हैं | उदाहरण के लिए लेते हैं राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग पर विधेयक जो देश में चिकित्सा शिक्षा को विनियमित करने की पूरी प्रणाली को परिवर्तित करना चाहता है | यह संसद में है | इसके आधार पर सरकार अब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से ऊपर हो गयी है और विधेयक के पारित होने कि प्रतीक्षा कर रही है |

दूसरा है आयुष्मान भारत या प्रधान मंत्री की जन-आरोग्य योजना | प्रधान मंत्री जन-आरोग्य योजना जो 50 करोड़ भारतीयों या 40% भारतीयों को पहली बार 5 लाख का बीमा कवर प्रदान करेगा | यह एक व्यापक परिवर्तनकारी होगा |

तीसरा है देश में नवाचार पारिस्थितिक तंत्र (इन्नोवेशन इकोसिस्टम) की स्थापना | अटल इन्नोवेशन मिशन ने अब तक माध्यमिक विद्यालयों में, 2000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं खोली हैं जिसमें से 60% से अधिक सरकारी विद्यालयों में हैं जहां बच्चों को नवीनतम तकनीक से परिचित कराया जाता है जैसे माइक्रो सेंसर, ऑप्टिकल सेंसर, और माइक्रो सर्किट, जिनके साथ वे प्रयोग कर सकते हैं | स्वैच्छिक आधार पर काम करने वाले कई सलाहकार वहां हैं – आईआईटी आदि के लोग बच्चों की सहायता करते हैं नवीन रूप से सोचने में और कम उम्र से नवाचार को पोषित करने में | हमने अब तक 19 अटल इन्क्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना की है प्रत्येक को 10 करोड़ का अनुदान मिल रहा है | वे नए विचारों के विकास के लिए उद्योग के साथ काम करते हैं | हम देश में 30,000 टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित करेंगे अगले 3 वर्षों में |

राजीव मल्होत्रा: 30,000 ? वाह !

राजीव कुमार: 31 मार्च के अंत तक 5,000 |

राजीव मल्होत्रा: तो, एक प्रयोगशाला कितनी बड़ी होगी ?

राजीव कुमार: हर प्रयोगशाला को हमसे 20 लाख रुपये मिलते हैं | यह एक बड़ी प्रयोगशाला कार्यशाला है | इसे एक पूर्णकालिक सदस्य होता है | हम चुनौती विधि का उपयोग करते हैं | हम विद्यालयों को यह बताने के लिए आमंत्रित करते हैं कि वे हमारे लिए प्रयोगशाला खोलने के लिए कौन-सी सुविधा प्रदान कर सकते हैं | विद्यालय एक बड़ी कक्षा में हमें अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धा करते हैं | प्रत्येक प्रयोगशाला में कक्षा आठ से कक्षा बारह के छात्र होंगे, इसमें भाग लेने और इसके माध्यम से गुजरने के लिए |

राजीव मल्होत्रा: क्या कोई विद्यालय एक विषय पर विशिष्ट प्रयोगशाला चुनने का विकल्प चुन सकता है ? विशेष क्षेत्र में

राजीव कुमार: नहीं, क्योंकि यह बच्चों में नए विचारों को जगाने के लिए सामान्य उद्देश्य वाली प्रयोगशाला के रूप में अधिक है | और उन्हें नई प्रौद्योगिकियों से परिचित कराने के लिए जैसे माइक्रोसर्किट व त्रि-विमीय मुद्रण (3डी प्रिंटिग) | मुझे हाल ही में 3डी प्रिंटर वाले विद्यालयों के टिंकरिंग प्रयोगशालाओं द्वारा कई छोटे मॉडल दिए गए थे | फिर लेजर प्रौद्योगिकी है | वास्तव में नवीनतम | केवल आपको एक विचार देने के लिए,

राजीव मल्होत्रा: ठीक है |

राजीव कुमार: आईआईटी के तीसरे वर्ष के छात्रों ने मुझे बताया है कि इन बच्चों को उन प्रौद्योगिकियों के बारे में पता चल रहा है जिन्हें वे आईआईटी के अपने तीसरे वर्ष के पहले तक नहीं जानते थे | यह उत्साहजनक है |

राजीव मल्होत्रा: इस प्रकार के 30,000 के साथ, बड़ी मात्रा में परिणाम मिलेंगे | वे क्या उत्पादन करते हैं, यह जानने का तंत्र क्या है ? किसी को इसका मूल्यांकन करना होगा |

राजीव कुमार: अवश्य | हम नियमित रूप से प्रतियोगिताएं कराते हैं | हम नवाचार मैराथन कराते हैं |

राजीव मल्होत्रा: ठीक है |

राजीव कुमार: हम हैकाथॉन कराते हैं जिसमें वे नए विचारों के साथ आते हैं | विजेताओं को तब हमारे अटल इनक्यूबेशन केंद्रों से जोड़ा जाता है या उद्योगों से | अटल इन्नोवेशन मिशन लगातार उनका मूल्यांकन और निरीक्षण कर रहा है |

राजीव मल्होत्रा: यदि एक तीव्रबुद्धि का युवा किसी विचार के साथ आता है, तो उस व्यक्ति को सुना जाएगा, सशक्त अनुभव करेगा और उसका कोई भविष्य होगा |

राजीव कुमार: और तुरंत एक संभावित समर्थक से जोड़ा जाएगा उस विशेष तकनीक का व्यावसायीकरण करने के लिए |

राजीव मल्होत्रा: अवश्य | तो आपको इन सब की एक व्यापक तकनीक आधारित ट्रैकिंग की आवश्यकता है |

राजीव कुमार: हाँ | हमारे पास डेटाबेस और एक बहुत ही दृढ़ आईटी प्रणाली है | अटल इन्नोवेशन मिशन की अनूठी विशेषताओं में से एक यह है कि प्रबंध निदेशक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की ओर से हमारे लिए प्रतिनियुक्ति पर हैं | वे उनका वेतन देते हैं | हम उनके साथ काम करते हैं और उन्हें अन्य सभी सुविधाएं प्रदान करते हैं |

राजीव मल्होत्रा: तो, आप उद्योगों को सम्मिलित करा रहे हैं |

राजीव कुमार: हाँ, यह एक समस्या थी | कुछ प्रबंधक सर्वश्रेष्ठ पृष्ठभूमि से आते हैं | विश्व बैंक और केपीएमजी जैसी शीर्ष संस्थाओं में नौकरियां छोड़ने वाले लोग हमारे साथ काम करने आए हैं | वे उत्साहित हैं कि बच्चों को नवीन रूप से सोचने के लिए पहली बार प्रोत्साहित किया जा रहा है और नई प्रौद्योगिकियों से परिचित कराया जा रहा है | आज की और बड़ी उपलब्धियां यह हैं कि हमने यह विकास निरीक्षण मूल्यांकन कार्यालय स्थापित किया है जो सभी मंत्रालयों व अन्य का तात्क्षणिक निरीक्षण करता है | अगला जो मैं आपको बता सकता हूँ वह यह है कि हमने अभी-अभी प्रकाशित किया है एक समग्र जल संरक्षण सूचकांक | पहली बार राज्यों को जल-प्रबंधन के 26 चरों के आधार पर श्रेणीबद्ध किया गया है | जल एक ऐसा विषय है जिसपर इस देश में जितना ध्यान दिया जाता है, उससे यह अधिक ध्यान देने योग्य है, उस संकट को जानते हुए जो हमारा विनाश कर रहा है |

राजीव मल्होत्रा: निस्संदेह !

राजीव कुमार: हमारे पास विश्व की जनसँख्या का 16% है परन्तु केवल 4% जल संसाधन हैं | हमने इसपर वास्तव में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है | इसने पहले से ही उनकी जल-संरक्षण विधि में सुधार करने के लिए राज्यों में एक प्रतिस्पर्धा आरम्भ कर दी है | यह एक और बड़ी उपलब्धि है जो हमारे पास है |

राजीव मल्होत्रा: क्या जल संरक्षण में निवेश करने के लिए किसी राज्य को आर्थिक प्रोत्साहन भी  उपलब्ध हैं ?

राजीव कुमार: नीति आयोग के पास उन प्रोत्साहनों को देने के लिए संसाधन नहीं हैं | तथापि पानी और पोषण के लिए … पोषण भी बहुत महत्वपूर्ण है और मैं राष्ट्रीय पोषण परिषद का अध्यक्ष हूँ | हम इसकी अनुशंसा कर रहे हैं कि 15वां वित्त आयोग राज्यों के प्रावधानों को उच्च राजकोषीय न्यागमन द्वारा पुरस्कृत, प्रोत्साहित या सम्मानित करे, इन चरों में उनके प्रदर्शन के आधार पर | यह एक संवैधानिक निकाय है | वे नीति आयोग से निपटें और पैसे मांगें इसके स्थान पर वित्त आयोग कहेगा कि यदि आप ए, बी और सी क्षेत्रों में एक्स, वाई और ज़ेड प्राप्त करते हैं, तो आपको एक उच्च न्यागमन मिलेगा | यह एक औपचारिक प्रक्रिया होगी | मुझे आपसे केवल एक और बात का उल्लेख करने दें |

राजीव मल्होत्रा: अवश्य

राजीव कुमार: कि हमने एक कार्यक्रम आरम्भ किया है देश भर में 115 महत्वाकांक्षी या कम विकसित जिलों को ऊपर उठाने का | राष्ट्रीय औसत के स्तर तक पहुंचाने के लिए इस कार्यक्रम का निरीक्षण और क्रियान्वयन नीति आयोग कर रहा है | यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसका निर्माण और नेतृत्व स्वयं प्रधान मंत्री द्वारा किया जा रहा है | विचार यह है कि यदि ये महत्वाकांक्षी जिले राष्ट्रीय औसत तक आ जाते हैं, तो भारत की कथा परिवर्तित हो जाएगी |

राजीव मल्होत्रा: तब आप इसे बड़े स्तर पर ले जा सकते हैं |

राजीव कुमार: हाँ, परन्तु चूँकि ये पहले से ही सबसे बुरी अवस्था में हैं | यदि वे ऊपर बढ़ते हैं, तो अन्य स्वतः विकसित होते हैं |

राजीव मल्होत्रा: अद्भुत |

राजीव कुमार: और हमारा औसत बढ़ जाएगा |

राजीव मल्होत्रा: तो ये पूर्णतः नए, रचनात्मक, मौलिक विचार हैं जिन्हें मैंने पिछले 70 वर्षों में नहीं सुना था |

राजीव कुमार: धन्यवाद |

राजीव मल्होत्रा: आप वास्तव में लोगों और युवाओं को साथ लाकर नवाचार और रचनात्मकता की संस्कृति विकसित कर रहे हैं | निजी क्षेत्र व सरकारी, तथा संघ व राज्यों के बीच सहयोग के लिए द्वार खोलकर | उल्लेखनीय !

राजीव कुमार: हमारे लिए प्रधान मंत्री का आज्ञापत्र है विकास को एक जन आंदोलन में परिवर्तित करना |

राजीव मल्होत्रा: बहुत अच्छा !

राजीव कुमार: एक जन आंदोलन |

राजीव मल्होत्रा: हाँ |

राजीव कुमार: विकास तब तक नहीं होगा जब तक यह सरकार का उत्तरदायित्व बना रहे |

राजीव मल्होत्रा: इस प्रकार पूर्णरूपेण यह प्रत्येक दृष्टि से योजना आयोग का प्रतिवाद (विपरीत विचार) है |

राजीव कुमार: पूर्ण रूपेण |

राजीव मल्होत्रा: मुझे बहुत प्रसन्नता है कि हमने इसे अपनाया |

राजीव कुमार: धन्यवाद | एक अद्भुत सादृश्य जो प्रधानमंत्री हमें बताते हैं वो है कि हमारा स्वतंत्रता आंदोलन, जो 1857 में आरम्भ हुआ, 1942 तक उत्साहहीन आन्दोलन बना रहा, जब तक महात्मा ने भारत छोड़ो का आह्वान नहीं किया और यह जन आंदोलन नहीं बन गया |

राजीव मल्होत्रा: हाँ |

राजीव कुमार: और पांच वर्षों में हम अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम रहे |

राजीव मल्होत्रा: हाँ |

राजीव कुमार: इसी प्रकार, अब, यदि हम विकास को एक जन आंदोलन बना लेते हैं, तो भारत निश्चित रूप से आगे बढ़ने की अपनी महत्वाकांक्षा प्राप्त करेगा |

राजीव मल्होत्रा: अवश्य |


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