भारतीय इतिहास की कुछ अंतर्दृष्टियां / मीनाक्षी जैन – 3
मीनाक्षी जैन: और कई भारत की सराहना करते थे | राजीव मल्होत्रा: हमारे पास त्रुटिपूर्ण छवि है कि ईस्ट इंडिया कंपनी ईसाई धर्मप्रचार के लिए थी | ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे लोगों ने
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Continue ReadingTo Read First Part, Click Here. मीनाक्षी जैन: अधिकाँश मुस्लिम हिंदुओं, को उनके लिए इसके महत्व के कारण, यह स्थल सौंप देना चाहते थे | परन्तु वे बताते हैं कि वामपंथी इतिहासकारों के एक समूह ने उन्हें विश्वास दिलाया कि ऐसा नहीं करें | राजीव मल्होत्रा: अर्थात् ये वामपंथी हैं जिन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के […]
Continue Readingराजीव मल्होत्रा: नमस्ते, मेरे साथ आज एक बहुत ही विशिष्ट अतिथि हैं, मीनाक्षी जैन, जिन्हें मैं दो दशकों से जानता हूँ | हम बहुत लंबे समय पश्चात भेंट कर रहे हैं | वे भारतीय इतिहास और राजनीति पर सबसे अच्छे विद्वानों में से एक हैं | हम दोनों ने भारतीय वामपंथ के काम की आलोचना […]
Continue Readingराजीव मल्होत्रा: नमस्ते ! मेरे साथ डॉ राजीव कुमार हैं | हमने भारत, उसके अतीत और भविष्य के बारे में रोचक बातचीत की है | हमने बाहरी विश्व, आधारभूत संरचना और विकास के बारे में बात की | हमने आंतरिक विश्व को भी छुआ है | आपकी कहानी बहुत ही आकर्षक है | हमें बताएं […]
Continue Readingइस व्याख्यान में, मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास और राजनीति विज्ञान की एक रीडर, मीनाक्षी जैन, के काम पर चर्चा करना चाहता हूँ। मैं मीनाक्षी जैन को दो दशकों से जानता हूँ और उन्हें भारतीय इतिहास और राजनीतिक मामलों के सबसे श्रेष्ठ विद्वानों में से एक मानता हूँ। उन्होंने शेल्डन पोलक पर दिल्ली में स्वदेशी […]
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