यदि सब मिथ्या और माया है तो परिश्रम करने से क्या लाभ?

एकात्मकता (Oneness), सब समान है, कोई अंतर नहीं है, आदि, यह बातें किस स्तर पर सही हैं? यह उस स्तर की बातें हैं, जब हम चेतना के अलग ही धरातल पर होते हैं। इस धरातल पर कोई देवता नहीं है और कोई असुर नहीं है। उस धरातल पर कोई महाभारत नहीं हो रहा है। वहां […]

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