मुस्लिम और भारत की महागाथा – 3

भारतीय महागाथा विशिष्ट स्वदेशी मुस्लिम

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वैटिकन एक संप्रभु राज्य भी है | यह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है | जब एक संप्रभु राज्य प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी को नियुक्त करता है, तो यह एक दूतावास हो जाता है | यह कहना कि वे अल्पसंख्यक हैं और विशेषाधिकारों की मांग कर रहे हैं, इसके स्थान पर वे वास्तव में एक विदेशी दूतावास हैं | प्रत्येक चर्च एक विदेशी दूतावास है |

यह राजनीतिक रूप से त्रुटिपूर्ण लग सकता है परन्तु तथ्य यह है कि वे धर्म और धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर छिप रहे हैं | धर्म के नाम पर, यह एक संप्रभु राज्य है जो इस तंत्र को चला रहा है – स्थानीय प्रतिष्ठानों की श्रृंखला |

यह ऐसा विषय है जिसपर हमें चर्चा करनी चाहिए और खुलकर बात करने में सक्षम होना चाहिए और अभियोजन भी हो सकता है | न्यायालयों को हस्तक्षेप करना चाहिए |

चीन एक अच्छा उदाहरण है | चीन ने निर्णय लिया कि ईसाई धर्म पर कोई रोक नहीं है, परन्तु केवल विदेशी चर्च के हस्तक्षेप पर है | वे विदेशी नियुक्त बिशप को स्वीकार नहीं करते हैं | वे कहते हैं कि आप बाइबल पढ़ सकते हैं, और यीशु की पूजा कर सकते हैं | परन्तु आपको इसकी आवश्यकता क्यों है कि कोई कहीं और बैठकर आपको नियुक्त करे ? यह एक शक्तिशाली तर्क है जिसे हमारे लोगों को आगे ले जाने की आवश्यकता है |

मैं अभी इस समय यह विचार विकसित कर रहा हूँ और जो लोग जुड़ना चाहते हैं वे मुझे ईमेल कर सकते हैं और हम आपको चर्चा में सम्मिलित कर सकते हैं | परन्तु मैं स्वदेशी मुस्लिमों की सहायता से एक चार्टर (घोषणापत्र) तैयार कर रहा हूँ, जो उनके द्वारा लिखा गया है | मैं यह नहीं कह रहा कि यह क्या है | इसके स्थान पर मैं विचारों का सुझाव दे रहा हूँ और अब तक, उन्होंने इन्हें स्वीकार किया है |

गोहत्या इस्लाम का एक आवश्यक अंग नहीं है | अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग हर साल एक रिपोर्ट निकालता है और भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाता है | अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, उन्होंने बड़े तर्कों में से एक यह रखा है कि गोहत्या का विरोध इस्लामी अधिकारों का उल्लंघन है |

मैं सदैव उनकी आलोचना करता रहता हूँ | इसलिए उन्होंने मुझे वाशिंगटन डीसी में उनके साथ चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया | और मुझे पता चला कि भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में लिखने और उसपर नजर रखने के लिए जो युवा प्रभारी है वो एक पाकिस्तानी विद्वान है | मेरे पास उसका कार्ड है | उन्हें किसी अमेरिकी विश्वविद्यालय से पीएचडी मिला है, दक्षिण एशियाई अध्ययन के लिए और धार्मिक स्वतंत्रता के विषय के लिए | वह एक विशेषज्ञ बन गया है | पाकिस्तानी लोगों द्वारा अपने लोगों को बिठाने की बहुत बुद्धिमानी | वह मुझे ये सब सामग्री देता है |

मैं वहां सभी श्वेत लोगों के साथ बैठा था | यहूदी-ईसाई लोग, आयुक्त और अन्य और मैंने कहा कि यह व्यक्ति नहीं जानता है कि इस्लाम में गाय का अस्तित्व नहीं है | गाय एक उष्णकटिबंधीय पशु है न कि एक रेगिस्तानी पशु | अरब के लोग बकरी और ऊंट खाते हैं | वे गाय नहीं खाते हैं | यह एक विलासिता की वस्तु है जो कुछ शेख खा सकते हैं | परंतु आरम्भ से ही, 1400 वर्षों तक, अरब गोमांस खाने वाले नहीं रहे हैं | यह एक आवश्यकता नहीं है | उन्होंने इसे अभी अपनाया है |

यदि आप धर्मपाल के शोध को देखते हैं, उन्होंने दिखाया है कि गोवध कुछ ऐसा था जिसे अंग्रेजों ने व्यापक स्तर पर लोकप्रिय बनाया | यह आज की भांति, करोड़ों गायों वाला एक बड़ा उद्योग नहीं था | गोवध का औद्योगीकरण अंग्रेजी शासन में आरम्भ हुआ और स्वतंत्रता के बाद यह और भी बड़ा हो गया | सऊदी अरब के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है |

जब मैंने इन तथ्यों का उल्लेख स्वदेशी मुसलमानों के साथ किया जिनके साथ मैं काम कर रहा हूँ, तो उन्होंने स्वीकार किया और कहा कि गोहत्या को रोका जाना चाहिए | क्योंकि हम अपने हिंदू मित्रों को क्यों चोट पहुंचाना चाहते हैं ? यही वह मानसिकता है जिसे मैं ढूंढ रहा हूँ |

एक और विवादास्पद बात जो मैंने उनसे पूछा है, वो है राम मंदिर | मैंने कहा कि इस्लाम में धार्मिक स्थल हैं, परन्तु कोई पवित्र स्थल नहीं है | पवित्र का अर्थ है कि यह पत्थर केवल पत्थर नहीं है, ईश्वर की उपस्थिति है | मैं ईश्वर से बात कर रहा हूँ और ईश्वर के साथ संवाद कर रहा हूँ | प्रोटोकॉल आगम है । यदि कोई कहता है कि अल्लाह मस्जिद के अंदर है तो आप इसे ईशनिंदा मानते हैं | अल्लाह मस्जिद में नहीं है | वे इसे जानते हैं |

एक मस्जिद क्या है ? एक मस्जिद केवल एक सामुदायिक केंद्र है | यह एक सम्मेलन केंद्र है, जहां मुस्लिम एक स्थान पर जा सकते हैं और एक साथ अल्लाह से प्रार्थना कर सकते हैं | यह वह स्थान है जहां से आप अल्लाह से प्रार्थना कर रहे हैं | इस बात पर कोई आदेश नहीं है कि इसे कैसा या किस प्रकार का स्थान होना चाहिए | या यह क्या नहीं हो सकता है | आप सड़क पर, मस्जिद या हवाई अड्डे पर या अपने घर पर प्रार्थना कर सकते हैं | आप जहां चाहें वहां प्रार्थना कर सकते हैं |

इस्लाम में प्राण-प्रतिष्ठा के समतुल्य कुछ भी नहीं है जो किसी विशेष मस्जिद को एक पवित्र स्थान बना देगा | यदि आप कभी किसी मुसलमान से कहते हैं कि मैं आपकी पवित्र मस्जिद से प्यार करता हूँ, तो वह इस प्रकार के कथन से सहमत नहीं होगा | क्योंकि यह मूर्तिपूजा माना जाता है | वह कहेगा कि यह एक पवित्र स्थान नहीं है | पदार्थ पवित्र नहीं है | कोई पवित्र नदी नहीं है, पवित्र पेड़ या पहाड़ या भवन | अल्लाह कोई रूप नहीं लेता है | हमारे लिए, ईश्वर रूप धारण करता है | इसलिए, आप मस्जिद को एक पवित्र स्थान मान ही नहीं सकते हैं |

सऊदी अरब और सभी भिन्न-भिन्न मुस्लिम देशों के कई उदाहरण हैं मस्जिदों को ध्वस्त करने, हटाने या स्थानांतरित करने के | प्रमाणित करने का दायित्व हमारे ऊपर नहीं होना चाहिए कि यह राम का जन्म स्थान है | प्रमाणित करने का दायित्व यह है कि हम यहां लंबे समय से पूजा कर रहे हैं और यह हमारा पूजा स्थल है | हमने प्राण प्रतिष्ठा किया है और इसलिए यह पवित्र है |

तथ्य यह है कि बाबरी मस्जिद में प्राण- प्रतिष्ठा के समतुल्य कुछ भी नहीं है, का अर्थ यह है कि इसे स्थानांतरित किया जा सकता है, यही तर्क है | इसे कोई लेना-देना नहीं है चाहे राम वहां जन्मे थे या नहीं | मुझे विश्वास है, ऐसा हुआ था | आवश्यकता से अधिक प्रमाणीकरण के दायित्व की कोई आवश्यकता नहीं है |

यही कारण है कि स्वामी का तर्क बहुत उत्कृष्ट है, उनका कहना है कि उन्हें वहां पूजा करने का अधिकार है | और इसका अन्य सभी तर्कों से कोई लेना-देना नहीं है | मुझे पूजा करने का अधिकार है क्योंकि यहाँ राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी | हम यह प्रमाणित कर सकते हैं और एक हिंदू के रूप में मुझे देवता की पूजा करने का अधिकार है |

हमारे लिए बड़ी बाधा क्यों उत्पन्न की जाए जिसे हमें पार करनी पड़े ? हम केवल इतना कहें कि एक मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा और मस्जिद में इसके किसी समतुल्य के न होने का अंतर एक निर्णायक तर्क है | जब आप किसी मस्जिद को हटाते हैं, तो आप कोई भी उल्लंघन नहीं कर रहे हैं | जब आप एक मूर्ति को नष्ट करते हैं, तो आप करते हैं |

जब मैंने इसे इस प्रकार स्वदेशी मुसलमानों के अपने छोटे से समूह में रखा, तो उन्होंने इसे वास्तव में पसंद किया | उन्होंने कहा कि हमें मंदिर बनाने में हिंदुओं की सहायता करनी चाहिए | यही बात उनमें से कुछ ने कहा |

फिर मैंने 370 के बारे में बात की है | उन्हें लगता है कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि क्यों इसे भारत के अन्य भागों से पृथक किया जाए | मैंने उनसे समान नागरिक संहिता के बारे में बात की है, और उन्होंने कहा कि हमारे साथ शेष भारत के लोगों की भांति व्यवहार होना चाहिए |

हमें शिक्षित, पेशेवर, युवा महिलाओं के साथ आरम्भ करना चाहिए | वे पूर्ण रूपेण इससे तंग आ चुकी हैं इमाम के वर्चस्व, और पुरुष के वर्चस्व वाली व्याख्या से | वे बाहर निकलना चाहती हैं और हम उनकी सहायता कर सकते हैं | यह कहने के स्थान पर कि मैं इस्लाम को बाहर करने जा रहा हूँ और मैं इस्लाम विरोधी हूँ, जो बहुत सारे लोगों को आकर्षित नहीं करेगा, और साथ ही यह कहना कि आप धर्म परिवर्तित करके फिर से हिंदू बन जाएं |

यदि आप कहते हैं कि मैं आपका एक मुस्लिम के रूप में सम्मान करना चाहता हूँ | परन्तु यह पारस्परिक होना चाहिए | आप हिंदू के रूप में मेरा सम्मान करें | मैं इस्लाम और इस्लाम के मूल सिद्धांतों का सम्मान करता हूँ | उन्हें अरबीकरण और वोट-बैंक के राजनीतिकरण से वि-उपनिवेशीकरण करना होगा जो समय के साथ प्रविष्ट हो गया है | जब मैं इसे इस प्रकार कहता हूँ तो वे हमसे जुड़ने में बहुत रुचि रखते हैं क्योंकि वे अटका हुआ अनुभव करते हैं और एक मार्ग ढूंढ रहे हैं | इस आधुनिक विश्व में बहुत पुरानी रूढ़िवादी व्याख्या काम नहीं करने वाली है | यह मेरे स्वदेशी मुस्लिम आंदोलन का प्रारंभिक संस्करण है |

मेरे पास कहने के लिए बहुत कुछ है | संभवतः हम इसे प्रश्नोत्तरी में ले जा सकते हैं | मेरी पुस्तक में एक आरेख है जो वर्तमान परिदृश्य को एक खेल-पटल पर प्रदर्शित करता है | और फिर एक और आरेख है जिस प्रकार से मैं इस स्थिति को बदलना चाहता हूँ | वर्तमान स्थिति यह है कि मुस्लिम केंद्र में हैं | उनके आसपास अरब और ईरानी वित्त पोषण जैसी विभिन्न शक्तियां हैं, जिनमें से कुछ एजेंटों के माध्यम से हैं | उन्होंने एक विशिष्ट पद्धति से सोचने के लिए इमामों को प्रशिक्षित किया है |

फिर यह उर्दूकरण भी एक समस्या है क्योंकि इस्लाम में आपके उर्दूकरण की आवश्यकता नहीं है | आप मलयालम या बंगाली हो सकते हैं | पूर्वी पाकिस्तान का पूरा क्षेत्र विभाजित हो गया और बांग्लादेश बन गया | शेख मुजीबुर रहमान ने इस आधार पर चुनाव जीता कि वे बांग्ला चाहते थे, न कि उर्दू जो पाकिस्तानी स्वीकार नहीं करना चाहते थे | उन्होंने चुनाव जीता और वे पृथक हो गए | इस्लाम में ऐसा कुछ भी नहीं है जो कहता है कि आपको उर्दूकरण या अरबीकरण की आवश्यकता है | ये पहचान अभियांत्रिकी (सोशल इंजीनीयरिंग) के खेल हैं | इसने राजनीतिक पकड़ दिया और भारत विखंडन शक्तियों को जन्म दिया | मैं इसके विरुद्ध हूँ, इस्लाम के नहीं |

वर्तमान खेल-पटल मुसलमानों को इन सभी शक्तियों के साथ दिखाता है और वामपंथ उनसे धूर्ततापूर्वक अपना काम निकलवाता है | राजनीतिक लोग वचन दे रहे हैं | वे आधुनिकता के विरुद्ध हैं | मुस्लिम अंदर बैठा है, इन सभी तनावों के बीच | वह खेल खेलने, अपनी चाल चलने और जीतने में सक्षम नहीं है | नए खेल-पटल में ये सभी बिचौलिये और शक्तियां बहिष्कृत हैं | वह स्वदेशी मुस्लिम है |

आइए पहले हिंदुओं से आरम्भ करें और फिर हम अन्य आस्थाओं को ला सकते हैं | हिंदू सीधी बातचीत और चर्चा में हैं, एक संतुलन ढूँढने के लिए जो पारस्परिक रूप से सम्मानजनक हो | संतुलन के सिद्धांत के रूप में पारस्परिक सम्मान वह है जो मैं प्राप्त करने का प्रयास कर रहा हूँ | और उन्हें इन सभी अन्य शक्तियों को अनदेखा करना चाहिए जो उन्हें नियंत्रित कर रही हैं |

संतुलन महागाथाओं से संबंधित हैं | प्रकृति में संतुलन हैं | उदाहरण के लिए, जल चक्र और सौर मंडल के संतुलन हैं | शरीर के अंदर एक संतुलन है | आयुर्वेद आपको बताता है कि संतुलन के बाधित होने पर, यह रोग उत्पन्न करता है | अवरोध, संचय और बहुत कुछ होंगे | रोग के चार चरण हैं जिनमें से पहला संतुलन का व्यवधान है | कई प्रकार के संतुलन हैं | सामाजिक संतुलन है | वर्ण प्रणाली में विभिन्न सामाजिक पूंजियों के बीच एक चक्रीय संतुलन था | यह बाधित हो गया और अब एक समस्या बन गई है |

यदि स्वदेशी मुसलमानों और हिंदुओं के बीच एक स्वस्थ, गतिशील संतुलन होता है, तो यह भारतीय महागाथा को सशक्त बनाएगा क्योंकि स्थिर संतुलन होगा | वर्तमान में हमारे पास एक अस्थिर, अनिश्चित और विस्फोटक संतुलन है | यह सदैव टूटने के लिए तैयार है | कई अपकेंद्री शक्तियां हैं | हम सदैव किसी न किसी घटना के कगार पर रहते हैं | हम आंतरिक एकता बनाए रखने के लिए आंतरिक संतुलन पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का एक बहुत बड़ा प्रतिशत खर्च कर रहे हैं | इतनी सारी कठोर शक्ति खर्च की जाती है |

हमें मुस्लिम मनोविज्ञान की इस सौम्य शक्ति की समस्या को समाप्त करना है | और स्वदेशी मुसलमानों की लहर बनानी है | यदि यह छोटे-स्तर से आरम्भ होता है परन्तु धीरे-धीरे फैलता है | जैसे-जैसे अधिक लोग शिक्षित होंगे, विज्ञान में प्रवेश करेंगे और पेशेवर बनेंगे, स्वदेशी मुस्लिमों के संघर्ष, शक्ति और महत्व में वृद्धि होगी |

मैं यह कहकर समाप्त करूँगा कि मैं स्वदेशी मुसलमानों का एक छोटा समूह बनाने जा रहा हूँ | उन्हें सशक्तिकरण दूंगा, उन्हें कहूँगा कि आप इसे जैसा चाहते हैं, वैसा परिभाषित करें |

मैंने अपनी चिंताओं को साझा किया है | हम स्वदेशी मुसलमानों पर, उनके द्वारा संचालित नियमित गोष्ठी प्रायोजित कर सकते हैं और उन्हें बढ़ावा दे सकते हैं | और उन्हें इस वेबसाइट को चलाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं | यह मेरे द्वारा किया जाने वाला नहीं है |

एक बार यह आरम्भ हो गया, और उनके नियंत्रण और परिचालन में आ गया तब मैं एक स्वदेशी ईसाई के निर्माण की मंशा रखता हूँ |

मैं समाप्त करूँगा क्योंकि मैंने बहुत सारा समय ले लिया है | और मुझे आमंत्रित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद | मैं यहां आने पर प्रसन्न हूँ |

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