“मैं स्वाभिमानी हिन्दू क्यों हूँ ?” – सूरीनाम के उपराष्ट्रपति

विशिष्ट व्याख्यान हिन्दू धर्म

राजीव मल्होत्रा: नमस्ते ! मैं सुरीनाम के उपराष्ट्रपति, अश्विन अधीनजी के साथ हूँ | नमस्कार |

अश्विन अधीन: नमस्कार |

राजीव मल्होत्रा: एक अद्भुत स्थान से एक साथी हिंदू | मैंने आपके देश के बारे में बहुत कुछ सुना है | मेरे वैश्विक दर्शकों के लिए, कृपया हमें अपने हिन्दू धर्म की कहानी और अपने देश में हिंदू धर्म के बारे में बताएं |

अश्विन अधीन: ठीक है | सूरीनाम दक्षिण अमेरिका में एक देश है | सूरीनाम एक छोटे संयुक्त राष्ट्र की भांति है | एक बहु-सांस्कृतिक विविध देश | हमारे यहाँ हिंदुस्तानी लोग या भारतीय हैं जैसा कि आप उन्हें पुकारते हैं | अफ्रीकी समुदाय जो दासों के रूप में लाए गए थे | हमें गिरमिटिया मजदूर के रूप में लाया गया था | इंडोनेशिया से के जावानी समुदाय है | ये सब औपनिवेशिक काल के दौरान लगभग 150 वर्ष पहले हुआ | दास प्रथा के उन्मूलन के बाद संस्कृति का संरक्षण बनाए रखा गया है | भाषाएं भोजपुरी, मैथिली, अवधी और हिंदी हैं |

राजीव मल्होत्रा: यह अच्छा है |

अश्विन अधीन:  भोजपुरी, मैथिली और अवधी का मिश्रण सरनामी कहलाता है | यह भोजपुरी जैसा ही है | और सभी इसे समझते हैं |

राजीव मल्होत्रा: यह एक बहुत अच्छा समयकोष (टाईम कैप्सूल) है क्योंकि भारत सहित अन्य स्थानों में यह बहुत अधिक अंग्रेजीमय हो गया है और इतना सुरक्षित नहीं है | यदि आप भोजपुरी और अवधी चाहते हैं, तो आपको सूरीनाम जाना होगा |

अश्विन अधीन:  हाँ | अब भारत से सूरीनाम आने वाले भोजपुरी समूह हैं क्योंकि वे संबंध का अनुभव कर सकते हैं | हमारे यहां एक समुदाय है जो इस प्रकार के संगीत से प्रेम करता है | हम सूरीनाम की जनसँख्या का 20% -21% हैं | यह एक बड़ा प्रतिशत है |

राजीव मल्होत्रा: 21% हिंदू हैं ?

अश्विन अधीन: हाँ | हिन्दू गए हैं और जीवन के सभी क्षेत्रों जैसे अर्थव्यवस्था, राजनीति, व्यवसाय, एनजीओ आदि में स्वयं को विकसित किया है | परन्तु हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम जीवनपद्धति के रूप में धर्म का पालन करने का प्रयास करते हैं | आपको हमारे पड़ोसी गुयाना या त्रिनिदाद में उस स्तर का संरक्षण नहीं मिलेगा | हम उस पर गर्व करते हैं | तथ्य यह है कि हमारी संस्कृति और सभ्यता अभी भी अक्षुण्ण है |

राजीव मल्होत्रा: तो, इसका रहस्य क्या है ?

अश्विन अधीन: हमारे पूर्वजों के पास यह दृष्टिकोण था कि संस्कृति का संरक्षण बहुत महत्वपूर्ण है | मुझे नहीं पता कि यह अग्निमय दृष्टिकोण जब वे भारत से आये थे तब स्वयं भारत से आया था या फिर यह उनका भी दृढ़ विश्वास था | राजनीति ने भी सहायता की | 1975 में जब हमें स्वतंत्रता मिली, तब यह निर्णय लिया गया कि हमें भ्रातृत्व की राजनीति अपनानी चाहिए | अतीत में, मैरून समूह जातिगत आधार पर बने थे | इसलिए राजनीति जाती आधारित थी | परन्तु ये जातीय समूह एक साथ आए और निर्णय लिया कि वे नहीं लड़ेंगे | उस राजनीतिक मुद्रा ने देश में इस स्वतंत्रता और समानता को बनाए रखा है और एकता और विविधता के इस विषय का प्रचारक रहा है | एकं सत विप्र बहुधा वदन्ति | मेरे अपने आचार्य नाथिन ने सदैव इस विचार को विद्वान के रूप में बढ़ावा दिया है और इसे साहित्य में डाला है |

जैसे कि आप अपना साहित्य लिखते हैं और हम इसे पढ़ते हैं | इसे अब सुरीनामी समाज की विशेषता माना जाता है | यह कि एकं सत्य अर्थात् हम यहाँ उपस्थित इन सभी संस्कृतियों का सम्मान करते हैं | हिंदुओं के अलावा, इसे यहाँ तक कि मैरून और जावानी समुदायों द्वारा स्वीकार किया गया है | शिक्षाविदों और राजनेताओं के बीच इस प्रकार की मानसिकता, जो हमारे अपने ऐतिहासिक दृढ़ विश्वासों से आई है, ने हमें शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में बनाए रखा है |

राजीव मल्होत्रा: आश्चर्यजनक !

अश्विन अधीन: यह सूरीनाम की विशेषताओं में से एक है |

राजीव मल्होत्रा: क्या हिंदू समूह भारत के हिंदू समूहों से स्वतंत्र हैं या क्या आपके यहाँ चिन्मय मिशन और रामकृष्ण मिशन जैसे हिंदू आध्यात्मिक समूह मंदिर स्थापित कर रहे हैं ? या यह दोनों है ?

अश्विन अधीन: हमारे यहाँ ब्रह्मर्षि मिशन है, गायत्री परिवार, और इस्कॉन है | आर्य समाज को यहाँ पुनर्जीवित किया जा रहा है | हमारे यहाँ कई समूह हैं | सूरीनाम में भारतीय निवेशक और व्यापारी हैं | बॉलीवुड का प्रभाव भी है | जबकि हम कहते हैं कि हम विवाहों में सांस्कृतिक संरक्षण पर जोर देते हैं, जब आप कोई मॉडल बनाते हैं तो अंतर यह होगा है कि वे विवाह की पद्धति में नयापन लाते हैं और ऐसी बातें सीडी में प्रचारित भी होती हैं | ये सभी प्रभाव हैं  विशेष रूप से लोगों पर | सूरीनामियों के पास निवेशक हैं और भारत से लोग आ रहे हैं | कुंभ मेला और अन्य समयों में सुरीनामी भारत जाते हैं |

राजीव मल्होत्रा: अद्भुत ! तो, सुरीनामी प्रतिनिधिमंडल फरवरी 2019 के कुंभ मेले में होगा | मैं उनसे मिलने की योजना बनाता हूँ | आश्चर्यजनक !

अश्विन अधीन: यह बहुत अच्छा होगा |

राजीव मल्होत्रा: हाँ | विश्वव्यापी दर्शकों के लाभ के लिए, संक्षेप में बताएं कि सूरीनाम का औपनिवेशिक इतिहास क्या है ?

अश्विन अधीन: हम एक अंग्रेजी उपनिवेश थे और फिर एक डच उपनिवेश थे | बहुत सारे परिवर्तन | डच ने 1975 में छोड़ा |

राजीव मल्होत्रा: क्या आपके और गुयाना जैसे अन्य स्थानों के बीच मुख्य अंतर यह है कि आपको डच से स्वतंत्रता मिली है, और उन्हें अंग्रेजों से ? क्या अंग्रेजों की तुलना में डच अधिक बहु-सांस्कृतिक थे ? क्या यह एक कारण हो सकता है कि सूरीनाम गुयाना की तुलना में अधिक बहुसांस्कृतिक हुआ ?

अश्विन अधीन: फूट डालो और शासन करो औपनिवेशिक शासन की एक विशेषता थी |

राजीव मल्होत्रा: डच की भी |

अश्विन अधीन: हाँ |

राजीव मल्होत्रा: ठीक है |

अश्विन अधीन: वे लोगों के विभिन्न समूहों में फैले हुए थे | जावानी व अन्य समुदायों को पृथक रखा गया था |

राजीव मल्होत्रा: ओह ! उन्होंने उन्हें पृथक रखा |

अश्विन अधीन: हाँ | यहां तक कि समुदायों के भीतर भी बहुत अधिक पारिवारिक संबंधों को हतोत्साहित किया जाता था | इसलिए परिवार भी पृथक कर दिए गए थे |

राजीव मल्होत्रा: वही खेल वहां खेला गया था |

अश्विन अधीन: हाँ | यह सब इतिहास है परन्तु इसका उल्लेख करना महत्वपूर्ण है | उसके बाद और जैसा कि मैंने कहा उनके स्वयं के सांस्कृतिक अनुभव और उनके दृढ़ विश्वास के कारण, उन्होंने सुनिश्चित किया है कि सभ्यता व संस्कृति के ये विचार राजनीति में होने चाहिए | 1975 के बाद इसने एक बड़ी भूमिका निभाई | हमारे यहाँ सुरीनाम से नीदरलैंड में अप्रवास हुआ था | भाषा अभी भी डच है |

राजीव मल्होत्रा: आधिकारिक भाषा डच है ?

अश्विन अधीन: हाँ |

राजीव मल्होत्रा: इसलिए विद्यालयों में वे डच सीखते हैं |

अश्विन अधीन: हां, वे डच, अंग्रेजी और स्पेनिश सीखते हैं | हम एक स्पेनिश महाद्वीप में हैं | ब्राजीलियाईयों और पुर्तगालियों के अलावा, अन्य सभी स्पेनिश हैं | हमारे यहाँ बहुत सारे स्पेनिश प्रभाव हैं | कैरिबियन के सभी द्वीप अंग्रेजी थे | इसलिए हमारे यहाँ अंग्रेजी प्रभाव है | परन्तु हम एक केंद्र हैं |

राजीव मल्होत्रा: तो, आप कुरासाओ, डच एंटीलिस की भांति अधिक हैं ?

अश्विन अधीन: हम एक जैसे नहीं हैं, परन्तु हाँ कुरासाओ डच है | उस प्रकार का उपनिवेश या समुदाय उनके द्वारा खमीदा कहलाता है | परन्तु सुरीनामियों के पास एक स्वतंत्र दृष्टिकोण था | क्योंकि हम कैरीबियाई और दक्षिण अमेरिका के लिए एक सयोजन केंद्र हैं |

राजीव मल्होत्रा: तो, सूरीनाम की मुख्य अर्थव्यवस्था क्या है ?

अश्विन अधीन: सोना |

राजीव मल्होत्रा: सोना ?

अश्विन अधीन: सोना, तेल और बॉक्साइट, जिसे पुनर्जीवित किया जाना है | आज विश्व बाजार में सामग्रियों की स्थिति पहले से ही अस्थिर है | इसलिए हम विविधता की ओर देख रहे हैं | हम चावल के उत्पादन में हैं | हम पर्यटन और कृषि में विविधता चाहते हैं | हमारे पास स्वच्छ भूमिगत जल है | तो, इसकी अच्छी वैश्विक संभावना है | हर कोई भूजल चाहता है |

राजीव मल्होत्रा: हाँ, यह उत्कृष्ट है | इसका एक अच्छा भविष्य है | भारत सहित विश्व के महत्वपूर्ण भागों से डीएनए का एक अच्छा मिश्रण |

अश्विन अधीन: हाँ |

राजीव मल्होत्रा: और आपके जैसे मेधावी लोग हमें बहुत गर्व है | तो, मेरे कुछ कार्य उन शक्तियों पर विचार करते हैं जो या तो हिंदू धर्म पर प्रहार, विकृति या आलोचना करके या धर्म से अच्छी बातों को लेकर उसे धर्म से पृथक करके और उन्हें किसी अन्य ढांचे में डालकर और हड़पकर हिन्दुओं को धर्मान्तरित करने का प्रयास कर रहे हैं | तो, क्या यह समस्या वहां भी अनुभव की गयी है ?

अश्विन अधीन: सूरीनाम अद्वितीय है | जब मैं अपने नानाजी के घर पर था, तो हमारे मुस्लिम पड़ोसियों के साथ हमारा भ्रातृत्व का सम्बन्ध था |

राजीव मल्होत्रा: हाँ |

अश्विन अधीन: यह सूरीनाम के लिए बहुत ही अद्वितीय था |

राजीव मल्होत्रा: हाँ |

अश्विन अधीन: धर्म और संस्कृति कुछ भी हो, हर कोई सद्भाव में रहता है | तो, सूरीनाम पारस्परिक सम्मान और पारस्परिक समझ का एक बहुत अच्छा उदाहरण रहा है | तो, हमने सदैव यह कहने का प्रयास किया है कि यह हमारे लिए एक निर्यात योग्य उत्पाद है | इस अर्थ में सूरीनाम अद्वितीय है | जबकि विश्व धार्मिक आधारों पर विभाजित है, हम नहीं हैं |

राजीव मल्होत्रा: तो, ये विभाजनकारी शक्तियां सूरीनाम क्यों नहीं आईं ?

अश्विन अधीन: धार्मिक नेता बहुत अच्छे से स्थापित थे और आपस में बहुत अच्छी मित्रता से बंधे थे | मेरा नाना भी पंडित थे | मुस्लिम समुदाय की मस्जिद हमारे घर से 100 मीटर दूर थी | मुल्ला हमारे नाना के घर आते और बात करते | वे परिवार की भांति थे | संभवतः अंतर यह है कि सूरीनाम इतना छोटा सा समुदाय है | यहाँ आपको हर स्तर पर अंतर्मिश्रण और सहयोग मिल सकता है | आप सरकार, व्यवसाय और प्रबंधन शैली और एनजीओ जैसे कई स्थानों पर इसका प्रतिबिंब देखते हैं | यह एक अद्वितीय निर्यात उत्पाद है | विश्व के लिए एक उदाहरण |

राजीव मल्होत्रा: उल्लेखनीय बातों में से एक यह है कि सूरीनाम में धार्मिक नेता विदेशी दबाव और धन के लालच में नहीं आए | कई देशों में ऐसा ही था परन्तु बड़ी मात्रा में अरब देशों से वित्त पोषण, मस्जिदों का अधिग्रहण, मदरसों का वित्त पोषण, और ईसाई रिलिजन के प्रचारकों का आगमन हो रहा है | विदेशी शक्तियों ने पर्याप्त धनराशि प्रदान की और स्थानीय नेता बिक गए | एक पीढ़ी में वे परिवर्तित हो गए | यह लगभग धार्मिक उपनिवेशीकरण की भांति है |

अश्विन अधीन: हाँ |

राजीव मल्होत्रा: विभिन्न स्थानों में चरमपंथी समूहों में से कुछ उपनिवेशित हैं | वे कुछ विदेशी मुख्यालयों के लिए लड़ रहे स्थानीय सिपॉय हैं |

अश्विन अधीन: मैं समझ गया आप क्या कह रहे हैं | हम विश्व के एक भिन्न अंग में हैं और हम सदैव सतर्क हैं | कैरिबियन में कैरिकॉम में भी, हम आतंकवाद जैसे विषयों पर बहुत सुरक्षित होने का प्रयास करते हैं | हम चरमपंथी सोच वाले लोगों से दूर रहने का प्रयास करते हैं | यहां तक कि जब हमारा मुस्लिम समुदाय बाहर से लोगों को लाने का प्रयास करता है, तो हम उन्हें चरमपंथी विचारधाराओं के आयात के विरुद्ध चेतावनी देते हैं | क्योंकि हम इस पारस्परिक सम्मान को बनाए रखना चाहते हैं | विभिन्न संस्कृतियों के लिए यह सम्मान हमारे संविधान में निहित है | हम इसे इसी प्रकार रखना चाहते हैं | हमारी नीतियों में और हमारे द्विपक्षीय या कैरिकोम, उनासुर और एन्सलाख की बहुपक्षीय चर्चा के दौरान हम सुरक्षा सम्बन्धी विषयों, सीमा पार अपराध, और सीमा पार आतंकवाद पर ध्यान देते हैं | हम इसे ध्यान से देखते हैं | हाँ |

राजीव मल्होत्रा: आप अपने लोगों में निष्ठा, देशभक्ति और स्वदेशी भाव लाने में सक्षम रहे हैं |

अश्विन अधीन: यह भ्रातृत्व है | मैं आपको बाधित नहीं करना चाहता | परन्तु हम बहुत ही युवा राष्ट्र हैं | हम कहते हैं कि हम एक दूसरे के साथ रह सकते हैं परन्तु राष्ट्रवाद की प्रबल भावना होनी चाहिए क्योंकि हम भविष्य के लिए एक सशक्त दृष्टि चाहते हैं | हमारी नागरिकता में हमने आपस में जोड़ने वाला कारक ढूँढने का प्रयास किया है | विकास के प्रति काम करने के लिए हमें भविष्य के लिए एक दृष्टि और एक लक्ष्य रखना होगा | यह कहना पर्याप्त नहीं है कि हम आभारी हैं और पारस्परिक सम्मान में रहते हैं, अपितु यह विकास का आधार होना चाहिए | नागरिकता के आधार पर हमें और अधिक राष्ट्रवाद की आवश्यकता है | यही वह है जो हमें बांधता है | हमारे पास जो विलक्षणता है एक विशिष्टता हो सकती है |

राजीव मल्होत्रा: हाँ |

अश्विन अधीन: परन्तु यह संघर्ष के बिना कुशल विकास का आधार होना चाहिए |

राजीव मल्होत्रा: सही | आप इस बहुसांस्कृतिकता की परंपरा चाहते हैं जो बहुत ही धार्मिक गुण है | आप इसे आर्थिक समृद्धि और विकास की नींव बनाना चाहते हैं |

अश्विन अधीन:  हाँ | हम इसका उपयोग करना चाहते हैं, जैसे कि पर्यटन के लिए |

राजीव मल्होत्रा: ठीक |

अश्विन अधीन: हम कहना चाहते हैं कि विकसित होने के लिए इसे संरक्षित करें | आइए विकास के साथ-साथ इसे नष्ट न करें |

राजीव मल्होत्रा: सही |

अश्विन अधीन: पर्यटन और विभिन्न कार्यों के लिए इसका उपयोग करते हैं |

राजीव मल्होत्रा: तो, परंपरा और आधुनिकता एकजुट हैं | यह आधुनिकता बनाम परंपरा नहीं है |

अश्विन अधीन: यह विकास का एक अद्वितीय मार्ग होगा | प्रश्न यह है कि क्या हम विकास के लिए अपनी विशिष्टता का लाभ उठा सकते हैं |

राजीव मल्होत्रा: वह सुंदर है | हमारी फ़ौंडेशन के लिए हमारे लक्ष्यों में से एक है – भिन्नता के लिए पारस्परिक सम्मान | हम अपने लाभ के रूप में हमारी विशिष्टता का उत्सव मनाते हैं | हम अन्य लोगों का सम्मान करते हैं जो भिन्न हैं और हम चाहते हैं कि वे हमारा सम्मान करें | परस्पर सम्मान सहिष्णुता से बेहतर है |

अश्विन अधीन: यह एक सूरीनामी का लक्षण है | जब लोग सुरीनाम धेनु (इन्द्रधनुष) कहते हैं, तो यही वह गुण है जिसके बारे में वे बात करते हैं | हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं | यह एक निर्यात उत्पाद और सूरीनाम की पहचान है | हम राष्ट्रवाद को विकास का आधार बनाना चाहते हैं | क्या आप इसे भविष्य के विकास के प्रति गौरव का आधार बना सकते हैं ?

राजीव मल्होत्रा: उसपर राष्ट्र का निर्माण |

अश्विन अधीन: हाँ |

राजीव मल्होत्रा: तो, सुरीनाम की महागाथा भविष्य की समृद्धि और विकास के लिए विविधता के विचार पर बनाई गई है | मैं आपको अपनी कुछ पुस्तकें उपहार देना चाहता हूँ | यह एक पुस्तक है, जिसका शीर्षक “विभिन्नता” है | यह इस बारे में है कि कैसे भारतीय और हिंदू संस्कृति सकारात्मक ढंग से भिन्न है | हम अन्य संस्कृतियों का सम्मान करते हैं जबकि हम भिन्न हैं |

अश्विन अधीन: बहुत अच्छा |

राजीव मल्होत्रा: यह पुस्तक “इन्द्राज नेट” है | यह शब्द वेदों से लिया गया है | यह पुस्तक औपनिवेशिक विरूपण पर एक आलोचना है |

अश्विन अधीन: आपने बहुत सारे शोध किए हैं |

राजीव मल्होत्रा: हाँ | यह बताता है कि कैसे यूरोपीय और पश्चिमी इंडोलॉजिस्ट द्वारा संस्कृत का अध्ययन पक्षपाती, और दोषपूर्ण व्याख्याओं एवं विकृतियों से पूर्ण है और हम कैसे इसका प्रत्युत्तर दे रहे हैं |

अश्विन अधीन: ठीक है |

राजीव मल्होत्रा: यह संयुक्त राज्य अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में हिन्दूभीति (हिंदुफोबिया) के बारे में है | वे गणेश जैसे हिंदू देवताओं का उपहास कर रहे हैं | वे हमारे अनुष्ठानों को महत्वहीन करते हैं | यह लड़ाई अमेरिकी और यूरोपीय शैक्षिक परिसरों में चल रही है | प्रत्युत्तर देने के लिए कई हिंदू छात्र हमारे साथ काम कर रहे हैं | सौभाग्य से सूरीनाम उससे प्रभावित नहीं हुआ है | और यह एक बहुत ही लोकप्रिय पुस्तक है “भारत विखंडन” | बहुत सारे विदेशी गठजोड़ हैं जो विद्रोह कराने के लिए इस्लामी आतंकवाद, धर्मांतरण, माओवाद और मार्क्सवाद ला रहे हैं | मैंने इसे उजागर किया था और आज भारतीय इसे गंभीरता से ले रहे हैं | तो, कृपया मेरा उपहार स्वीकार करें |

अश्विन अधीन: मुझे आपके योगदान के लिए धन्यवाद देना है | यदि मैं शीर्षकों को देखता हूँ तो मुझे लगता है कि आपने विषयों के सारतत्व पर ध्यान केंद्रित किया है |

राजीव मल्होत्रा: हाँ |

अश्विन अधीन: मुझे लगता है कि हिंदू सभ्यता को बहुत गर्व होना चाहिए |

राजीव मल्होत्रा: यह मेरा यज्ञ और मेरा धर्म है | मैं दूसरों को सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ और लाखों लोग जुड़ रहे हैं | अब हम इस ज्ञान को आगे ले जा रहे हैं और कई विद्वान आ रहे हैं | हमारे पास एक बहुत ही सफल चैनल है जो इस साक्षात्कार जैसे वीडियो लाता है | अधिक जागरूकता फैलाई जा रही है | सूरीनाम में इतने उच्च पद पर एक साथी हिंदू को देखना अद्भुत है | यहाँ आपके होने से प्रसन्नता हुई | कृपया अच्छा काम जारी रखें और हम संपर्क में रहेंगे |

अश्विन अधीन: आपका बहुत बहुत धन्यवाद | आप एक महान काम कर रहे हैं और कृपया मेरा सम्मान स्वीकार करें |

राजीव मल्होत्रा: बहुत बहुत धन्यवाद |

अश्विन अधीन: धन्यावद |

राजीव मल्होत्रा: नमस्ते | धन्यवाद |

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