योग के प्रति प्रतिक्रियाओं में बहुत व्यापकता है | कुछ इसे प्रतिबंधित करना चाहते हैं जबकि कुछ इसका इस्लामीकरण करना चाहते हैं | कुरानी योग में, कुरान का जप किया जाता है | अन्य रूपों में, वैसे तो मंत्रोच्चारण सम्मिलित नहीं है, पर कई तत्त्व हटा दिए जाते हैं | जैसे कि सूर्य नमस्कार जिसका तात्पर्य किसी देवता की पूजा करना है जो इस्लाम में शिर्क है | ॐ जैसी बातें कुफ्र हैं और उन्हें हटा दिया जाना चाहिए | कुछ चिकित्सकीय कारणों से धार्मिक पहलुओं पर चुप रहकर योग करते हैं | साथ ही कुछ मुसलमान योग के हिंदू परम्परा होने की बात से सहज हैं | तो प्रतिक्रियाओं में बहुत विविधता है |
धर्मिक दृष्टिकोण से हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि वे योग के प्रति इनमें से प्रत्येक स्थिति से क्या प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं | अपने दर्शकों की धार्मिक पृष्ठभूमि को देखते हुए मैं उन्हें शिक्षित करना चाहता हूँ | आपको मुसलमानों के मस्तिष्क की गहराई से जांच करने की आवश्यकता है क्योंकि वे जो प्रकट कर रहे हैं उसकी तुलना में उनके मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा है | मेरा मुख्य उद्देश्य अपने लोगों को इस न नकारने योग्य विषय के प्रति सजग करना है |
मुस्लिम योग उसी स्थान पर है जहां 20 वर्ष पहले ईसाई योग था | मुस्लिम योग आक्रामक रूप से विस्तार कर रहा है और हमें ध्यान रखना चाहिए और तदनुसार कार्य करना चाहिए | इस एपिसोड में मैं आपको विभिन्न मुसलमानों के योग के प्रति विचार और अपनी प्रतिक्रिया पर कई वीडियो दिखाऊंगा | पहली क्लिप जाकिर नाइक की है | आइए क्लिप देखें और फिर मैं आपको अपनी टिप्पणियां दूंगा |
शुभ संध्या, डॉ. जाकिर नाइक मैं एक छात्र कमल नादेन हूँ | कुछ वर्ष पहले मलेशियाई फतवा परिषद ने मुसलमानों को योग करने से रोक दिया था | वे कहते हैं कि यह इस्लाम-विरोधी है | क्या यह कुरान के दृष्टिकोण से सच है ?
प्रश्न यह है कि मलेशिया में किसी परिषद ने मुस्लिमों को योग करने से रोक दिया क्योंकि यह इस्लाम विरोधी है | भाई पूछ रहा है कि यह कुरान के विरुद्ध है या नहीं | योग वेदों व अन्य पर आधारित व्यायाम का एक रूप है | मैं एक विशेषज्ञ नहीं हूँ परन्तु आपको कुछ बातें कहनी है | जैसे ॐ और कुछ मंत्रोच्चारण करना है और कुछ बातें करनी है | ये सभी चीजें शिर्क हैं | यह शिर्क की ओर ले जाता है क्योंकि आप अल्लाह के स्थान पर किसी और को सृजेता के रूप में पुकार रहे हैं | सुर-अन-निसा 4.48 में और सुर-अन-निसा 4.116 में, अल्लाह किसी भी गुनाह (पाप) को माफ़ (क्षमा) करेगा, परन्तु शिर्क का गुनाह नहीं, जो अल्लाह के साथ भागीदारों को जोड़ना है | सच्चे ईश्वर अल्लाह के साथ किसी और को जोड़ना शिर्क है | चूंकि योग शिर्क की ओर ले जाता है, इसलिए मैं मलेशियाई परिषद द्वारा मुसलमानों पर योग की रोक लगाने से सहमत हूँ |
तो जाकिर नायक का कहना है कि ॐ और अन्य पवित्र बातों का उपयोग बुरा है और यह किसी मुस्लिम द्वारा किया जा सकने वाला सबसे बुरा अपराध है | शिर्क के रूप में यह प्रतिबंधित है और अल्लाह की इच्छाओं के विरुद्ध है |
रोचक बात यह है कि वे अब्राहमिक अर्थ में ईश्वर का अनुवाद अल्लाह करते हैं, यहूदी धर्म और ईसाई धर्म से निकटता दिखाने के लिए | तीनों में से सबसे नया होने के कारण उन्हें लगता है कि वे पिछले दोनों से बढ़कर हैं | यदि यहूदी-ईसाई अर्थ में अल्लाह को ईश्वर के समतुल्य माना जाता है, तो यह उनके लिए अच्छा है | परन्तु यदि अल्लाह कृष्ण या शिव या देवी जैसे धर्मिक देवी-देवताओं के समतुल्य माना जाता है, तो यह उनके लिए यह बुरा है | वे बहुत चुनिंदा और स्पष्ट हैं कि इस्लाम जिन देवी-देवताओं को नहीं चाहता है, वे प्रतिबंधित हैं क्योंकि वे झूठे ईश्वर हैं | परन्तु वे ईसाई या यहूदी ईश्वर में कोई समस्या नहीं पाते हैं | हम आगे बढ़ने पर इस प्रकार के और विरोधाभासों को देखेंगे |
इस क्लिप में आप इंग्लैंड में एक विद्यालय में बहु-सांस्कृतिकता के तत्त्व के रूप में हिंदू धर्म को पढ़ाने वाले अरबों को देखेंगे | हिंदू धर्म के प्रति उसके स्वर को देखें |
विश्व के कुछ लोगों ने अपने विवेक का उपयोग न करने का निर्णय किया है | वे मूर्तियों की पूजा करके प्रसन्न हैं | वे गाय जैसी चीजों की पूजा करते हैं | कोई भी ऐसा कैसे कर सकता है ? वे गाय का पेशाब (मूत्र) भी पीते हैं |
उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने यह भाषण दिया है | 2009 में सरकारी मान्यताप्राप्त निरीक्षकों ने अंतर्धार्मिक शिक्षण के लिए विद्यालय की प्रशंसा की | यह देखते हुए कि छात्र अन्य धर्मों के बारे में सीखते हैं और उन्हें अन्य विश्व धर्मों का सम्मान करना सिखाया जाता है | निरीक्षकों को इस प्रकार के शिक्षण के बारे में पता नहीं था | वे बच्चों से हिंदुओं व अन्य मूर्ति-पूजक धर्मों के बारे में एक प्रश्न पूछते हैं |
आगे बढ़ते हुए मैं धर्म पर इन सबसे बुरे इस्लामी विचारों से बेहतर की ओर बढूँगा | यहां विश्व के सभी मुस्लिम देशों का मानचित्र है और योग के प्रति उनकी स्थिति की | कई अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में सम्मिलित हुए | वैसे तो ऐसा लगता है कि अधिकांश मुस्लिम देशों ने योग को स्वीकार कर लिया है, मैं दिखाऊंगा कि उन्होंने इसे विकृत स्वरुप में स्वीकार किया है | उन्होंने इस्लाम की सर्वोच्चता की अपनी धारणा को ध्यान में रखते हुए योग के कुछ बहुत महत्वपूर्ण पवित्र तत्वों को नकार दिया है |
इस्लाम में एकमात्र चीज जो पवित्र और सम्मान के योग्य है वो अल्लाह है | इसलिए कोई भी बात जो यहां तक कि छवि पूजा नहीं हो, ॐ जैसा जो एक कंपन है, का जाप नहीं किया जा सकता क्योंकि इसे पवित्र माना जाता है और यह इस्लाम के विरुद्ध है |
यह स्लाइड अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्णय को दर्शाती है जो कहता है कि सूर्य नमस्कार इस्लाम विरोधी है और उसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए | हम अल्लाह के अलावा किसी और से मार्गदर्शन भी नहीं मांग सकते हैं | हमें देवता के रूप में सूर्य की पूजा करने की भी अनुमति नहीं है |
पैगंबर मोहम्मद ने इस्लाम को एक राष्ट्र और दूसरों को अन्य राष्ट्रों के रूप में माना | उन्होंने कहा, यदि आप अन्य राष्ट्रों की नकल करते हैं और उनकी मान्यताओं को, तो जब आप मर जाते हैं तब निर्णय के दिन आपके साथ अन्य देश के एक सदस्य की तरह व्यवहार किया जाएगा और तदनुसार दंडित किया जाएगा | यदि वे गैर-मुसलमान हैं, तो आप भी जहन्नुम में जायेंगे | ऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के अनुसार यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है |
भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद कैफ को संकट का सामना करना पड़ा जब उन्होंने इस ट्वीट में कुछ योग आसन प्रकाशित किए | उन्होंने कहा: ‘सूर्य नमस्कार बिना किसी उपकरण की आवश्यकता वाला एक सम्पूर्ण शारीरिक अभ्यास और व्यापक व्यायाम है |‘ वे संकट में पड़ गए और लोगों ने उनपर कफिर व्यायाम, सूर्य नमस्कार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया | तो उन्होंने उत्तर दिया | जब यह एक बड़ा विवाद बन गया और कहा कि सभी चार चित्रों में उनके दिल में अल्लाह थे | उन्होंने स्वयं को सूर्य नमस्कार के पवित्र तत्व से दूर किया, यह दिखाने के लिए कि वे एक अच्छे मुसलमान हैं और व्यायाम के दौरान केवल अल्लाह के बारे में सोचते हैं | वे कहते हैं: “ॐ का अर्थ ब्रह्म है – व्यक्तिगत और अव्यक्तिगत – दोनों स्थिति में | परन्तु कोई भी व्यक्ति, पैगम्बर या कोई भी अल्लाह को छोड़कर पूजा के योग्य नहीं है |”
वे क्यों नहीं कहते कि ब्रह्म ईश्वर है ? चूंकि अल्लाह ईश्वर का एक नाम है, क्या यह वही बात नहीं है ? वे अल्लाह का उल्लेख करते हुए यहोवा, थियो और सभी बाइबिल आधारित नामों को लेंगे | परन्तु वे ब्रह्म को स्वीकार नहीं कर सकते हैं | क्योंकि यह दक्षिण एशिया में उनके लिए सामाजिक-राजनीतिक समस्याएं उत्पन्न करेगा |
इन विवादों को देखते हुए, भारत सरकार ने इस योग दिवस पर सूर्य नमस्कार को रद्द करने का निर्णय लिया | जो कि मेरी राय में दोषपूर्ण है | इस बार पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था | जब उन्होंने ॐ के लिए मना कर दिया तो हिंदू समुदाय की ओर से प्रतिक्रिया हुई और वे झुके | वे “ॐ” रखने के लिए सहमत हुए | इस प्रकार योग और धर्म की अखंडता पर टिके रहने के स्थान पर उन्होंने राजनीतिक वोट-बैंक आधारित निर्णय लिया |
अब आप आने वाले क्लिप में देखेंगे कि योग पाकिस्तान में एक बहुत ही लोकप्रिय गतिविधि है | पाकिस्तानी योग के प्रति प्रशंसा से भरे हुए हैं क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिल रहे हैं | पाकिस्तान में कई योग शिक्षक हैं | तो, चलिए इस क्लिप को देखते हैं |
7 दूसरी ओर, 1.2.3.4.5.6.7 | अब अपना दायां पैर उठाएं और इसे अपने दाहिने जांघों पर रखें | आप अपने शरीर में पीठ दर्द, पैर दर्द क्यों बनाए रखते हैं ? उन्हें बाहर फेंक दें | कपड़े तब तक धुलते नहीं जब तक उनको घिसा नहीं जाए, जबतक उसको वॉशिंग मशीन में न डाला जाए | आपको इस पर काम करना है | हम इसे अब आगे बढ़ाएंगे 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 | 10 और … 11, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 … अब दोनों हाथों से अपने दाहिने घुटने को पकडें |
अपने बाएं पैर के अंगूठे को पकडें … फिर एक लम्बी सांस लेते हुए बायाँ हाथ वापस रखें और अपने सिर को पीछे की ओर घुमाएं, इसे थोड़ा और पीछे ले जाएँ | और स्थिति पर वापस आ जाएँ | अल्लाह कहते हैं कि मेरी ओर एक कदम बढाओ और मैं आपकी ओर 10 कदम बढ़ाऊंगा | दोस्तों, यह मेरा अनुभव है, जिस दिन से मैंने इन अभ्यासों को अपनाया मुझे कभी भी एक और गोली नहीं लेनी पड़ी। [तालियाँ]
पाकिस्तान की अगली क्लिप में भी आप देखेंगे कि वे कैसे इस्लाम के प्रति रक्षात्मक होते हैं | वे योग चाहते हैं परन्तु केवल कुछ भाग जो इस्लाम के अनुरूप हैं | वे हिंदू घटकों के प्रति असहज हैं |
जब आप सांस लेते हैं तो आपको दोनों हाथ ऊपर उठाना होगा | दो हाथ ऊपर … यहां, सम्मानित डॉक्टर, शिक्षक और व्यवसायी बैठे हैं | बहरिया कसबे के सबसे बड़े व्यापारी बैठे हैं | उनका जीवन बदल गया है | तो, जो भी समस्या हो, चाहे वह ग्रीवा दर्द हो या मेजपर बैठकर काम करने वाला व्यक्ति हो या साधारण काम करने वाला व्यक्ति हो, सभी का स्वागत है |
मैं योग को योग के रूप में सिखा रहा हूँ | मैं एक अनुष्ठान के रूप में नहीं सिखा रहा हूँ | यहां तक कि यदि आप भारत जाते हैं, तो योगी अनुष्ठान के रूप में योग सिखाते हैं | मेरा मानना है कि योग को धर्म से पृथक रखा जाना चाहिए |
यहां भी साधक पद्मसन में बैठे हैं परन्तु वे “ॐ” नहीं बोलते हैं | शमशाद हैदर का कहना है कि योग धर्म से बंधा नहीं है | सूर्य नमस्कार एक व्यायाम का नाम है परन्तु इसका हिंदू धर्म के साथ कोई संबंध नहीं है |
पाकिस्तान में, योग की यात्रा इतनी सरल नहीं थी | धार्मिक कट्टरपंथियों ने योग को हिंदू धर्म की कला माना जिसमें सूर्य, पृथ्वी और कई देवी-देवताओं के साथ वैदिक जप की पूजा सम्मिलित है | यही कारण है कि पाकिस्तान ने लंबे समय तक योग के लिए अपना द्वार बंद रखा | साथ ही योग केंद्रों पर कई आक्रमण भी हुए | 10 मार्च 2015 को इस्लामाबाद स्थित आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में आग लगाकर आक्रमण किया गया | यह केंद्र गुरु श्री श्री रवि शंकर से संबंधित था | श्री श्री ने तालिबान के लिए एक आंतरिक शांति के पाठ्यक्रम का प्रसाव भी रखा है |
वे पवित्रता को भारत के योग शिक्षकों द्वारा जोड़ा गया अवांछनीय मनमाना अनुष्ठान मानते हैं | इसलिए, वे यह तय करते हैं कि क्या वांछित है और क्या नहीं और हिंदू योग शिक्षकों पर अपना मत सुनाते हैं | इसलिए ॐ को मनमाने ढंग से धर्म में लाया गया था और सूर्य नमस्कार केवल एक अभ्यास का नाम है और इसका एक देवता के रूप में सूर्य के साथ कुछ लेना देना नहीं है |
पाकिस्तान में इनमें से कुछ योग शिविरों के विरुद्ध हिंसा भी होती है जैसे कि श्री श्री रविशंकर के साथ | पाकिस्तान में योग पर अगली क्लिप में हम देखते हैं कि योग के प्रति उनका मत और अधिक आक्रामक हो गया है | कृपया देखें |
सूर्य नमस्कार के आसनों का शरीर के स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है परन्तु धर्म के माध्यम से योग और स्वास्थ्य के बीच सदैव एक दीवार कड़ी की गई है | भाजपा का ‘हिंदू राष्ट्र‘ का सदैव एक एजेंडा रहा है | और उस एजेंडा के लिए, वे कभी-कभी कहते हैं कि गीता को पढ़ाना चाहिए या विद्यालयों में योग अनिवार्य होना चाहिए | योग में सूर्य नमस्कार है, इसलिए उसे भी अनिवार्य होना चाहिए | मुस्लिम समुदाय पूरी तरह निंदा करता है इस प्रयास का क्योंकि इस्लाम हमें केवल अल्लाह की पूजा करने सिखाता है और सूर्य नमस्कार को समायोजित नहीं किया जा सकता है |
पाकिस्तान इस्लाम पर आधारित एक राष्ट्र है | पाकिस्तान में योगासन देखना आश्चर्य की बात है, परन्तु पाकिस्तानी योग गुरु इस पर एक बहुत भिन्न विचार रखते हैं | उनका मानना है कि अष्टांग योग के सृजेता – पतंजलि पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं | योग मुल्तान से है |
योग कभी भी धर्म के अंग के रूप में नहीं बनाया गया है और कभी भी किसी भी धर्म का अंग नहीं रहा है | यहां तक कि यदि कोई ऐसा दावा करता है, तो भी यह कहना दोषपूर्ण बात है | हजारों वर्ष पहले मन और शरीर के विशेषज्ञों द्वारा योग बनाया गया है, इस क्षेत्र में, जिसमें महर्षि पतंजलि सम्मिलित थे | योग पाकिस्तान के मुल्तान का एक उत्पाद है क्योंकि पतंजलि इस स्थान से थे |
वे हजारों वर्षों के इसके इतिहास को नकारते हुए यह आरोप लगा रहे हैं कि हिंदू और योग का सम्बन्ध भाजपा का षड़यंत्र है | यदि आप योग के इतिहास वाली डीवीडी देखते हैं, तो आप मंदिरों और शास्त्रों में धर्म और योग के बीच बहुत प्राचीन सम्बन्ध देखेंगे | यह भाजपा का षड़यंत्र नहीं है जैसा कि यह व्यक्ति बता रहा है | वह स्पष्ट रूप से कहता है कि इस्लाम इसके विरुद्ध विद्रोह करेगा | धर्म और योग के बीच के इस संबंध के विरुद्ध मुसलमानों को विद्रोह करने के लिए कहा जा रहा है | और पाकिस्तान के योग शिक्षक का कहना है कि पतंजलि वास्तव में पाकिस्तान के मुल्तान से थे | तो योग का की उत्पत्ति स्पष्ट रूप से पाकिस्तान में हुई थी |
वे इसे एक प्राचीन काल के रूप में देख रहे हैं जब पाकिस्तान इस्लामी देश के रूप में अस्तित्व में नहीं था | यह भारत का अंग था | यह इस्लाम के जन्म लेने के भी पहले था | इसलिए, हो सकता है कि यह मुल्तान में उत्पन्न हुआ हो, पर मुल्तान भारत के अंग के रूप में एक धार्मिक स्थान था | यह भारतीय संस्कृति का अंग था और इस प्रकार यह हिंदू है | बाद में मध्य-पूर्व से मुस्लिम आक्रमणकारी आये और उस क्षेत्र को हथिया लिया जो 70 वर्ष पहले एक पृथक राष्ट्र बन गया | परन्तु वे जोर देते हैं कि चूंकि पतंजलि उस क्षेत्र से आए थे, इसलिए उनके पास इसकी दावेदारी है | यह एक बहुत ही गड़बड़, विकृत और मूर्खतापूर्ण तर्क है |
अगली क्लिप में हम कुरानी योग पर चर्चा करते हैं जो भारत और विदेशों में भी पायी जाती है | वे सुनिश्चित करते हैं कि उनका योगाभ्यास कुरान और इस्लाम के अनुरूप है | वे अपने आसन करते समय कुरान के आयतों का जप करते हैं और सुनते हैं | कृपया देखें |
वडोदरा में मुस्लिम महिलाएं कुरान से आयतों के पाठ के साथ संयुक्त विशेष योग के साथ आई हैं | तदबीर फाउंडेशन जिसने मुस्लिम महिलाओं के लिए योग कक्षाएं आरम्भ की हैं, ने योग के साथ कुरान की आयतों और अल्लाह के नामों को जोड़ा है | गैर-सरकारी संगठन द्वारा उठाये गए कदम का उद्देश्य मुस्लिम योग आलोचकों का प्रतिरोध करना है और वे अधिक लोगों को इस अभ्यास को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं |
यो ऐसा नहीं है कि हमने योग के मूल आसनों को परिवर्तित किया है परन्तु हमने कुछ मसाला जोड़ा है | हमने वास्तविक मंत्रोच्चारण को कुरान के आयतों या अल्लाह के 99 नामों से प्रतिस्थापित कर दिया है | हमने अल्लाह के 99 गौरवशाली नाम जोड़े हैं |
ग भारत के सबसे सफल सांस्कृतिक खेलों में से एक है जिसे दुनिया भर में बढ़ावा दिया गया है | ये शारीरिक, मानसिक या आध्यात्मिक प्रथाओं या विषयों का समूह हैं | योग और ध्यान का अभ्यास करने के लिए प्रति दिन बहुत सारी मुस्लिम महिलाएं आती हैं | कक्षा महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले सामान्य स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान देता है |
अब मैं कनाडा के एक महत्वपूर्ण नवीन मुस्लिम शिक्षक पर चर्चा करता हूँ जो एक नये प्रकार का योग आरम्भ कर रहे हैं, कनाडा के मुस्लिम महिलाओं के लिए आधुनिक, पश्चिमीकृत योग लाने के लिए | पहली क्लिप में वे एक और मुसलमान को साक्षात्कार में यह सुनिश्चित करती हैं कि वे इस योग को सही ढंग से सिखा रही हैं | ताकि बाद में उनपर आरोप नहीं लगे | वे कहती हैं कि उनके पास कनाडा के मुस्लिम अधिकारियों से मिला एक फतवा है उन्हें इस योग को सिखाने की अनुमति देने वाला बशर्ते कि वे इससे काफिरी घटकों को हटा दें | अभी देखें |
इमाम यूसुफ बदद और शेख अहमद कुट्टी ने योग पर फतवा दिया है | यदि आप धार्मिक पहलू को अलग कर देते हैं और इसे व्यायाम के रूप में लेते हैं, तो योग को किसी रूप में हराम या अपरिहार्य नहीं माना जा सकता है | कई स्थानों पर योग का धार्मिक अनुष्ठान के रूप में अभ्यास किया जाता है परन्तु यहां उत्तरी अमेरिका में हम उस विचार से दूर चले गए हैं | योग शिक्षक के रूप में मैं योग के असहज पहलुओं को दूर रखती हूँ – वे जो एकेश्वरवादी धर्मों के लिए असहज हैं |
उनके भाषा के उपयोग पर ध्यान दें | अन्य अनुष्ठानपूर्ण हैं | वे स्वयं को एक मुसलमान के रूप में पृथक नहीं कर रही हैं | वे स्वयं को उन उत्तरी अमेरिकियों में सम्मिलित करती हैं जो अनुष्ठान के रूप में योगाभ्यास नहीं करते हैं और एकेश्वरवाद के साथ संगत होना चाहती हैं | यह इस्लाम की तुलना में एक बड़ा चित्रपटल है | वे उत्तरी अमेरिका के बहुमत – यहूदियों, ईसाइयों, मुस्लिमों को सम्मिलित करती हैं | हम उत्तरी अमेंरिकी और एकेश्वरवादी यह आनुस्ठानिक योग नहीं चाहते हैं | स्वयं को स्थापित करने का रोचक मार्ग |
अगली क्लिप में वे प्राण के बारे में बात करती हैं | यह एक संस्कृत गैर-अनुवादनीय है और सांस के समान नहीं है | प्राण को नियंत्रित करने के लिए सांस का उपयोग किया जा सकता है | प्राण सांस से व्यापक है | ध्यान दें कि वे किस प्रकार प्राण का अनुवाद सांस के रूप में करती हैं | यह उन्हें विकृत करने और अपनी बात रखने की अनुमति देता है | देखें |
योग के विभिन्न प्रकार हैं | योग मुद्राओं के बारे में है और आप इसे सांस से जोड़ते हैं | आपको श्वास, मस्तिष्क और शरीर को एक साथ जोड़ने के लिए मस्तिष्क के रस की आवश्यकता होती है | यह मस्तिस्क, श्वास और मुद्राओं का एक सम्बन्ध है | जब आप अपनी श्वास बदलते हैं तब आप अपनी मुद्रा बदलते हैं | इसके लिए बहुत अधिक मस्तिष्क और मानस के व्यायाम और ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता होती है |
एक बार जब प्राण शब्दावली से हटा दी जाती है, तो यह ढांचे का अंग नहीं रह जाता है | अब यह केवल मस्तिष्क, शरीर और श्वास के बारे में है | एक बार यह विशिष्ट पवित्र तत्त्व हटा दिए जाने पर आप किसी अन्य ढांचे से योग को जोड़ सकते हैं | क्योंकि प्राण इन सभी आयामों का द्वार है |
अगली क्लिप में वे कहती हैं कि उन्होंने मुस्लिम योग आरम्भ किया था मंत्रोच्चारण को हाने के लिए जो मुसलमानों के लिए समस्यापूर्ण है | कृपया देखें |
– यह सब मेरी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से आरम्भ हुआ | मेरे डॉक्टर ने मुझे दैनिक रूप से कुछ सौम्य अभ्यास करने को कहा | उन्होंने योग का सुझाव दिया | इसलिए मैं योग स्टूडियो में गयी | कुछ योग स्टूडियो में वे बहुत अधिक मंत्रोच्चारण करते हैं | मैं बहुत अधिक विस्तार में नहीं जाऊंगी | परन्तु इस प्रकार के मंत्रोच्चारण एकेश्वरवादी पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को बहुत असहज बना देते हैं | क्योंकि हम एक अल्लाह में विश्वास करते हैं और हम मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते हैं |
अब योग अच्छा है क्योंकि यह सुधार करता है आपके स्वास्थ्य, चिंता की समस्याओं और अवसाद को | श्वास सम्बन्धी व्यायाम फेफड़ों का आयतन बढ़ाता है | यह दर्द को कम करता है और आपकी मुद्रा को ठीक करता है | इसके बारे में सबकुछ बहुत अच्छा है, परन्तु संभवः मैं इसकी सेवा एकेश्वरवादी समुदायों को, विशेष रूप से मुस्लिमों को दे सकती हूँ, क्योंकि मैं स्वयं भी हूँ | इसलिए मैंने प्रशिक्षण पाया और अपना प्रमाणीकरण पाया | और आप लोगों को एक सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त स्थान देना चाती थीं |
– यह वो बात थी जिसने आपको आरम्भ करने के लिए प्रेरित किया |
जैसा कि स्पष्ट है, वे एकेश्वरवाद का एक बड़ी छतरी के रूप में उपयोग करती हैं जिसके अंतर्गत वे अपना स्थान बनाती हैं | उन्हें मुख्यधारा के कनाडाइयों और सहयोगी गैर-मुस्लिम एकेश्वरवादियों से राजनीतिक समर्थन मिलेगा जो मुख्यतः यहूदी और ईसाई हैं | इन गैर-एकेश्वरवादी लोगों ने इन अवांछित अनुष्ठानों और मंत्रोच्चारण को लाया है | हम इसे स्वीकार नहीं करना चाहते हैं | वे अन्य अब्राहमिक परंपराओं से समर्थन पाने के प्रयास में हैं |
अगली क्लिप में वे इसका उपयोग करती हैं, आध्यात्मिक परन्तु धार्मिक पहचान नहीं, जो कनाडा, अमेरिका और यूरोप में बहुत सामान्य है, यह दिखाने के लिए कि वे योग के धर्मिक सम्बन्ध को अस्वीकार कर उनमें से एक है |
– मुझे पूछना है क्योंकि मुझे विश्वास है कि लोग सोच रहे हैं | क्या योग इस्लाम में अनुमत है ?
– तो, यह मुझसे पूछा जाने वाला सबसे बड़ा प्रश्न है | क्योंकि मैं एक मुस्लिम महिला और योग शिक्षिका हूँ | यदि हम योग के धार्मिक पहलू को हटा देते हैं परन्तु आध्यात्मिकता को बनाए रखते हैं … धर्म और आध्यात्मिकता के बीच एक अंतर है |
– मुझे इसे थोड़ा सा समझाएं |
– धर्म एक विशेष विचारधारा का पालन करना है | आध्यात्मिकता सभी लोगों के बीच समान हो सकती है | बातें जैसे – दयालु रहें, सच्चे रहें, चोरी न करें और ये बातें बहुत सामान्य मानव मूल्य हैं | और आप इसे आध्यात्मिकता के समतुल्य मानते हैं?
– हाँ |
– धर्म ईश्वर की उपासना के विशष्ट माध्यमों की भांति है जिसे मैंने हटा दिया है |
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Featured Image Credit – http://southasiandaily.com/47-islamic-nations-join-international-yoga-day/