वन और मरुस्थल की सभ्याता

Translation Credit: Vandana Mishra. मेरी नूतनकालीन पुस्तक, बीइंग डिफरेंट: पश्चिमी सार्वभौमिकता को एक भारतीय चुनौती (२०११, हार्पर कॉलिंस, भारत) में, मैंने चर्चा किया है कि, कैसे लगातार “अव्यवस्था” और “व्यवस्था” के बीच की शक्तियों में संतुलन एवं साम्यावस्था को स्थापित करने का प्रयास किया जाता है (अपेक्षाकृत, पूर्ण अव्यवस्था का विध्वंस) जो कि, पारगमनीय है […]

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धर्म-परिवर्तन का लक्ष्य – 2

To Read First Part, Click Here. भाग २: यूएस के अस्था पर आधारित उपक्रम: नूतनकलीन भारत यात्रा में, मुझे तेहेलका की एक अनुकृति दी गयी जिसकी तिथि ७ फ़रवरी, २००४ की थी जिसके आवरण कथा का शीर्षक था, ‘जॉर्ज बुश का भारत में बृहत धर्म-परिवर्तन का लक्ष्य I’ (१४ फ़रवरी वाले लेख में, एक लघु […]

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धर्म-परिवर्तन का लक्ष्य – 1

मानवाधिकार एवं अन्य पक्ष अवैध धन संपत्ति को वैध करने में न्याय विरुद्ध प्रणाली द्वारा, संपत्ति की सरणि का निर्माण करके, एक जटिल लेन-देन के जाल द्वारा किया जाता है, जिससे कि, धन के चरित्र को विस्तार से संदिग्धार्थ बनाया जा सके, और क्रमशः उसको न्याय पूर्ण व्ययसाय गतिविधियों द्वारा ले जाया जा सके जो […]

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कैसे ‘गांधार’ बना ‘कांधार’ – 3

Translation Credit: Vandana Mishra. To Read Second Part, Click Here. भारत पर इस्लामिक छात्रवृत्ति: अरबी, तुर्की, फ़ारसी आक्रमणकारियों ने अपने इतिहासकारों को भारत को परास्त करने की महान कार्यसिद्धि की विजय गाथा के प्रलेख के लिए आदेश दिया। इन में से कई इतिहासकारों को अंततः भारत भूमि से प्रेम हो गया और उन्होंने अत्यंत ही […]

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