रीसा लीला-२: लंगड़ी छात्रवृति एवं पैशाचिकी — Part 2

Translation Credit: Vandana Mishra. Read First Part Here. मेरी आलोचनाओं को कई समर्थक प्रतिक्रिया मिली, उनमें से किंचित को संक्षेप में निकटस्थ दिया है. महाध्यापक स्टुअर्ट सोवैस्कि ने लिखा: “[२] राजीव – आपको धन्यवाद देता हूँ, अपने कोर्टराइट की याचिका का उत्तर दिया — और, एम फौकॉल्ट प्राथमिक मित्रपक्ष के प्रतीत होते हैं, आलोचना करने […]

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रीसा लीला-२: लंगड़ी छात्रवृति एवं पैशाचिकी

Translation Credit: Vandana Mishra. राजीव मल्होत्रा के पदधारी पृष्ट का फेसबुक पर अनुसरण कीजिये I पृष्टभूमि बढ़ता हुआ भारतीय प्रचार क्रमश: सीख रहा है कि, कैसे उसकी धरोहर अमरीकी शैक्षिक व्यवस्था में, उचित एवं अनुचित रूप से चित्रित की गयी है और उसकी तीव्र इच्छा इस व्यवस्था में लीन हो जाने की, उसी की भाँति, […]

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नूतन उपनिवेशिता की अक्षरेखा – 6

Read 5th Part Here. वर्तमान में भारत का शासन उपनिवेशी शैली के सामान: हिन्दु धर्म और ईसाई धर्म प्रत्येक, ८०% समावेश हैं भारत एवं यूएसए की जनसँख्या में क्रमश: अतः, दोनों के स्तरों को तुल्य करना उचित है उनके क्रमशः देशों में, अन्य अल्प धर्मों के सन्दर्भ में I निम्नांकित किंचित तुलयात्मक प्रस्तुत हैं जो […]

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नूतन उपनिवेशिता की अक्षरेखा – 5

Read 4th Part Here. “दक्षिण एशियाई” परिलक्षण: एस.ए.जे.ए (साऊथ एशियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन –दक्षिण एशियायी पत्रकार समिति) ने प्रभावित किया है “साऊथ एशियनाइज़” आंदोलन को, जो युवा भारतीय अमरीकियों घर छोड़ते हैं और अमरीकी विद्यालयों में प्रवेश करते हैं उनके लिए I एस.ए.जे.ए एक चतुर व्यावसायिक प्रणाली पर गतिमान है: प्रतिष्ठित अमरीकी संचार संघ से पत्रकारों […]

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नूतन उपनिवेशिता की अक्षरेखा – 4

Read Third Part Here. इतिहास लेखन और राष्ट्र (विभाजन): इतिहास लेखन दोनों कार्यों के लिए प्रयोग किया गया है, एक राष्ट्र निर्माण, दुतीय राष्ट्र विभाजन I चीन की सर्कार ने विजयी हुई और प्रमुख कार्यक्रमों को विश्वभर में पूँजी दिया अपने चीनी इतिहास को प्रचलित करने के लिए जिसका निर्माण स्वतःपूर्ण एवं द्वीपीय किया है, […]

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नूतन उपनिवेशिता की अक्षरेखा – 3

Read Second Part Here. हिस्ट्री के सिद्धांत रेखीय नहीं हैं: अनियन्त्रित सिद्धांत, कि, सर्वत्र मानव हिस्ट्री को, इस अनुक्रम में अंटना होगा:  पुरातन ए मायिक ए काल्पनिक ए तर्कयुक्त ए…., मुख्यधारा यूरोकेन्द्रिक स्तम्भों में से एक है [१५] I  यूरोप में घटित घटनाएं इन रेखीय “विकास” में अंटती हुई दिखती है I अतः, ये प्रतिरूप […]

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नूतन उपनिवेशिता की अक्षरेखा – 2

Read First Part Here. पश्चिमी शैक्षिक परिषद् में भारतीय परंपरायें: आनंद का विषय ये है कि, पश्चिमी शैक्षिक परिषद् नियुक्त करती है कई भारतीय विद्द्वानों को, कई अन्य मानविकी शास्त्रों में से, अंग्रेजी साहित्य, इतिहास, दर्शनशास्त्र, समाज शास्त्र एवं राजनैतिक विज्ञानं के विभाग में से I तथापि, जैसा कि पश्चिमी दर्शक उन्हें भारतीय परम्पराओं का […]

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नूतन उपनिवेशिता की अक्षरेखा – 1

“आधुनिक सार्वभौमिक स्थिति में, पूर्वी एवं पश्चिमी ‘साभ्यता‘ एक दुसरे से समान सहयोगी के रूप में नहीं भेंट कर सकते हैं. वे पश्चिमी संसार में, पश्चिमियों द्वारा निर्मित विचार की परिस्थितियों में ही भेंट कर सकते हैं I “— डब्लू. हॉलब्फास [१] ये निबंध चर्चा करता है कि, कैसे बुद्धिजीवी स्वराज मूल सिद्धान्त है, किसी […]

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धर्म, रिलिजन के समान नहीं है

Translation Credit: Vandana Mishra. “धर्म” शब्द के बहुभागी अर्थ हैं जो सन्दर्भों के आधार पर निर्भर होते हैं जिसमें उनका प्रयोग होता है I इनमें सम्मिलित हैं: आचरण, कर्तव्य, उचित, न्याय, धर्माचरण, नैतिकता, रिलिजन, धार्मिक गुण, उचित कार्य जो अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार निर्धारित होते हैं, इत्यादि I कई अन्य अर्थ भी सूचित […]

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पश्चिमी सर्वभौमिकता को चुनौती

Translation Credits: Vandana Mishra. मेरी पुस्तक बीइंग डिफरेंट, ऐन इंडियन चैलेंज टू वेस्टर्न यूनिवर्सलिज़म (हार्पर कॉलिंस, २०११) का मुख्य उदेश्य है, पश्चिमियों के सार्वभौमिकता के दृण कथन का विखंडन करना I इन दृण कथनों के अनुसार, पश्चिम इस विश्व के इतिहास के संचालक भी हैं और अन्तिम, एषणीय गंतव्य स्थान भी है I पश्चिमी अनुमानतः […]

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