विज्ञान के परे ज्ञान

राजीव मल्होत्रा: आइए, परम सत्य, सर्वोच्च व्यक्ति – ईश्वर और किस प्रकार वे विभिन्न भगवानों जैसे श्री कृष्ण, शिव, देवी आदि से संबंधित हैं, के साथ आरम्भ करते हैं | तब हम इसे वहां से आगे ले जा सकते हैं | मधु पंडित दास: किसी विशिष्ट उत्तर में जाने के पहले, मैं एक बहुत ही […]

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हिन्दू गुरुओं का उत्पीड़न / सुरेंद्रनाथ चंद्रनाथ — 2

To Read First Part, Click Here. राजीव मल्होत्रा: क्योंकि यह एक जानकारी है जिसे हमें छोड़ना नहीं चाहिए | वे केवल एक औसत दलित कार्यकर्ता नहीं हैं | हम ऐसे दलित कार्यकर्ता चाहते हैं जो वंचित लोगों की सहायता करें | परन्तु वे इसे एक ईसाई धर्मप्रचारक के रूप में कर रहे हैं जो विदेशों […]

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हिन्दू गुरुओं का उत्पीड़न / सुरेंद्रनाथ चंद्रनाथ — 1

नमस्ते | मैं अपने लोगों को जागृत करने के लिए व्यवस्थित रूप से एक महत्वपूर्ण विषय के बारे में बात करना चाहूंगा | हमारे प्रमुख गुरुओं पर उनके द्वारा आक्रमण किया जा रहा है जो नहीं चाहते हैं कि वे जो भी कर रहे हैं वह करें | विशेष रूप से वैसे गुरु जो दलितों, […]

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“मैं स्वाभिमानी हिन्दू क्यों हूँ ?” – सूरीनाम के उपराष्ट्रपति

राजीव मल्होत्रा: नमस्ते ! मैं सुरीनाम के उपराष्ट्रपति, अश्विन अधीनजी के साथ हूँ | नमस्कार | अश्विन अधीन: नमस्कार | राजीव मल्होत्रा: एक अद्भुत स्थान से एक साथी हिंदू | मैंने आपके देश के बारे में बहुत कुछ सुना है | मेरे वैश्विक दर्शकों के लिए, कृपया हमें अपने हिन्दू धर्म की कहानी और अपने […]

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डॉ नागास्वामी द्वारा धर्मशास्त्र और तिरुक्कुरल की तुलना

राजीव मल्होत्रा: हम सुनते रहते हैं कि आर्य लोग आए और आक्रमण किया, हम द्रविड़ हैं, पीड़ित हैं | हम संस्कृत नहीं चाहते क्योंकि हम बाइबल के निकट हैं | यह पूरा बकवास है | केवल हाल के दिनों में डॉ नागास्वामी और कुछ अन्य लोगों ने इसका उत्तर देकर अपना काम किया है | […]

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सबरीमाला: ईश्वर और न्यायाधीश

भारतीय न्यायपालिका को अविलम्ब हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान पर शिक्षित करने की आवश्यकता है | यदि वे मंदिरों से संबंधित विषयों और विभिन्न हिंदू प्रथाओं पर निर्णय देते हैं तो उन्हें अधिक समझ होनी चाहिए | अन्य सभी की तुलना में हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान के बारे में जो विशिष्ट बात है वह यह कि एक ही […]

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गुरुओं की संरक्षा महत्वपूर्ण है

हिंदू धर्म के विधायक लक्षणों में से सबसे महत्वपूर्ण लक्षण यह है कि उसके सुदीर्घ इतिहास में समय-समय पर जीते-जागते महापुरुष व्यापक पैमाने पर प्रकट होते रहे हैं। इन्हीं महापुरुषों ने सनातन धर्म को न केवल जीवित रखा, बल्कि उसे नए संजीवनी विचारों, अंतर्दृष्टियों और व्याख्याओं से ताज़ा भी किया और बदलते समयों के लिए […]

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