रीसा लीला-२: लंगड़ी छात्रवृति एवं पैशाचिकी — Part 2

Translation Credit: Vandana Mishra. Read First Part Here. मेरी आलोचनाओं को कई समर्थक प्रतिक्रिया मिली, उनमें से किंचित को संक्षेप में निकटस्थ दिया है. महाध्यापक स्टुअर्ट सोवैस्कि ने लिखा: “[२] राजीव – आपको धन्यवाद देता हूँ, अपने कोर्टराइट की याचिका का उत्तर दिया — और, एम फौकॉल्ट प्राथमिक मित्रपक्ष के प्रतीत होते हैं, आलोचना करने […]

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रीसा लीला-२: लंगड़ी छात्रवृति एवं पैशाचिकी — Part 1

गणेश के शिथिल शिश्न चित्रण के विरोध में की गयी याचिका —- भाग 1 इस चकित करनेवाले भाग 1 में, श्री राजीव मलोत्रा ​​ने एक ऐसी याचिका के विषय में चर्चा की है, जो कि हमारे अराद्धय देवी देवताओं के चित्रण से सम्बंधित है। ये याचिका अक्टूबर 2003 में हस्ताक्षर पाने हेतु प्रचलन में थी। […]

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रीसा लीला-२: लंगड़ी छात्रवृति एवं पैशाचिकी

Translation Credit: Vandana Mishra. राजीव मल्होत्रा के पदधारी पृष्ट का फेसबुक पर अनुसरण कीजिये I पृष्टभूमि बढ़ता हुआ भारतीय प्रचार क्रमश: सीख रहा है कि, कैसे उसकी धरोहर अमरीकी शैक्षिक व्यवस्था में, उचित एवं अनुचित रूप से चित्रित की गयी है और उसकी तीव्र इच्छा इस व्यवस्था में लीन हो जाने की, उसी की भाँति, […]

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धर्म, रिलिजन के समान नहीं है

Translation Credit: Vandana Mishra. “धर्म” शब्द के बहुभागी अर्थ हैं जो सन्दर्भों के आधार पर निर्भर होते हैं जिसमें उनका प्रयोग होता है I इनमें सम्मिलित हैं: आचरण, कर्तव्य, उचित, न्याय, धर्माचरण, नैतिकता, रिलिजन, धार्मिक गुण, उचित कार्य जो अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार निर्धारित होते हैं, इत्यादि I कई अन्य अर्थ भी सूचित […]

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वन और मरुस्थल की सभ्याता

Translation Credit: Vandana Mishra. मेरी नूतनकालीन पुस्तक, बीइंग डिफरेंट: पश्चिमी सार्वभौमिकता को एक भारतीय चुनौती (२०११, हार्पर कॉलिंस, भारत) में, मैंने चर्चा किया है कि, कैसे लगातार “अव्यवस्था” और “व्यवस्था” के बीच की शक्तियों में संतुलन एवं साम्यावस्था को स्थापित करने का प्रयास किया जाता है (अपेक्षाकृत, पूर्ण अव्यवस्था का विध्वंस) जो कि, पारगमनीय है […]

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धर्म-परिवर्तन का लक्ष्य – 1

मानवाधिकार एवं अन्य पक्ष अवैध धन संपत्ति को वैध करने में न्याय विरुद्ध प्रणाली द्वारा, संपत्ति की सरणि का निर्माण करके, एक जटिल लेन-देन के जाल द्वारा किया जाता है, जिससे कि, धन के चरित्र को विस्तार से संदिग्धार्थ बनाया जा सके, और क्रमशः उसको न्याय पूर्ण व्ययसाय गतिविधियों द्वारा ले जाया जा सके जो […]

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कैसे ‘गांधार’ बना ‘कांधार’ – 1

Translation Credit: Vandana Mishra. अफ़ग़ानिस्तान के महाकाव्य इतिहास का आरम्भ होता है, जब वह पुरातन भारत का, एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हुआ करता था, जिसका नाम ‘गांधार’ था I उसके कई नगरों में से जो सर्वाधिक बहुप्रचलित नगर हुआ करता था, वह वर्तमान युग का ‘कांधार’ था, जो तालिबान द्वारा कलंकित है I उस नगर का […]

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पारंपरिक ज्ञान प्रणाली – 2

Translation Credit: – Vandana Mishra To Read First Part. Click here. विश्वीय विज्ञान में भारतीय योगदान सिविल अभियांत्रिकी: इंडस-सरस्वती सभ्यता विश्व की सर्व प्रथम सभ्यता थी जिसमें योजनाबद्ध नगर निर्माण किया गया था, भूमिगत जलनिकासी, सिविल आरोग्यशास्र,  द्रवचालित अभियांत्रिकी, एवं वातानुकूलित वास्तुकी इत्यादि वद्यमान थे I भट्टी में पकाये हुए ईंट सर्वप्रथम भारत में ही […]

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कहाँ हैं वे पाँडव जो हिन्दू धर्म का नेतृत्व कर सकें?

Translation Credit: Vandana Mishra. बौद्धिक कुरुक्षेत्र के स्नदर्भ में हिंदुवों के पुर्नजागरण आंदोलन को अपनी क्रीड़ा की नीतियों को सुधारना होगा I दुर्भाग्यवश, हम में सामथर्यवान विद्द्वानों और संस्थापक प्रक्रियाओं की अपूर्णता है I हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व सर्वदा ही निम्नवर्गीय स्वरों में किया जाता है I भावनात्मक आडम्बर एवं राजनैतिक प्रतिपालन ने इसके प्राण खींच […]

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विज्ञान के परे ज्ञान

राजीव मल्होत्रा: आइए, परम सत्य, सर्वोच्च व्यक्ति – ईश्वर और किस प्रकार वे विभिन्न भगवानों जैसे श्री कृष्ण, शिव, देवी आदि से संबंधित हैं, के साथ आरम्भ करते हैं | तब हम इसे वहां से आगे ले जा सकते हैं | मधु पंडित दास: किसी विशिष्ट उत्तर में जाने के पहले, मैं एक बहुत ही […]

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